
रायपुर
लॉकडाउन (Lock down) में मुनाफाखोरी करने वालो पर राज्य सरकार ने कड़ी कार्रवाई करने के आदेश तो दिए मगर दुग्ध उत्पादक (Milk Producers) बढ़े हुए दाम से काफी परेशान हैं. पशुचारा के दाम में भारी इजाफा होने की वजह से डेयरी व्यवसाई (Dairy Business) परेशान तो हैं, वहीं दूध की कम खपत ने और तकलीफे बढ़ा दी हैं. जिस हिसाब से प्रदेश में कोविड-19 (COVID-19) के मरीज मिल रहे हैं उससे ऐसा नहीं लगता कि आने वाले कुछ दिनों में लॉकडाउन हटा लिया जाएगा. कोरोना के संक्रमण को रोकने लॉकडाउन का सख्ती के साथ पालन किया जा रहा है. मगर कुछ लोग और व्यवसायी इसका फायदा भी उठा रहे हैं. इस वजह से डेयरी व्यवसायी संकट के इस दौर में और परेशान हो रहे हैं,
राज्य सरकार ने नापतौल विभाग को आवश्यक वस्तुओं के दाम पर नजर रखने और अधिक मुनाफा कमाने वालो पर कार्रवाइ करने के आदेश दिए है. दुग्ध उत्पाद आवश्यक सेवाओं में आता तो है मगर पशुओं का चारा है इस श्रेणी में नहीं आता. यही वजह है कि पशुचार के दाम में काफी तेजी से बढ़ोतरी हुई है. अकेले गोकुल नगर में 10 से 15 हजार लीटर दूध का उत्पादन होता है. मगर दूध की खपत होटल बंद होने की वजह से कम हो गई है. निजी कंपनी को कम दाम में दूध बेचने व्यवसायी मजबूर हो रहे हैं.
गोकुल नगर दुग्ध संघ के अध्यक्ष बीएस मल्लिक का कहना है कि दाना, चुन्नी, चोकर और पैरा कुट्टी के दाम आसमान छूने लगा है. साथ ही घटिया किस्म का दाना दिया जा रहा है जिसकी वजह से मवेशी बीमार हो रहे हैं. दूध का उत्पादन तो हो रहा है पर खपत नहीं होने की वजह से व्यवसाय पर इसका सीधा असर पड़ रहा है.
तो वहीं डेयरी व्यवसायी संगीत यदू का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से पशु चारा व्यवसायी इसका फायदा उठा रहे हैं. इस तरह दाम में इजाफा होगा और अंकुश नहीं लगेगा तो व्यवसाय चौपट हो जाएगा. शासन-प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए.