कोरोना संकट: लॉकडाउन 2 का आगाज, 20 अप्रैल तक हर जिले की कड़ी परीक्षा

नई दिल्ली
कोरोना वायरस महामारी के संकट से निपटने के लिए भारत में लॉकडाउन लगाया गया है. पहले 25 मार्च से 14 अप्रैल तक लॉकडाउन था, लेकिन मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में इसे बढ़ाकर 3 मई कर दिया. अब तीन मई तक लोगों को घरों में ही रहना होगा और अनुशासन का पालन करना होगा.
एक हफ्ते तक कड़ी होगी परीक्षा
लॉकडाउन 2 पहले वाले से कुछ अलग हो सकता है, इसका संकेत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया. प्रधानमंत्री के मुताबिक, 20 अप्रैल तक केंद्र-राज्य समेत सभी प्रशासन देश के हर जिले-शहर-कस्बे और थाने क्षेत्र को परखेंगे, जहां पर लोग लॉकडाउन का पालन कर रहे होंगे और कोरोना वायरस का असर कम दिखेगा. वहां पर 21 अप्रैल से कुछ हद तक छूट दी जाएगी. हालांकि, ये छूट भी सिर्फ जरूरत का सामान, कुछ दुकानें और मजूदरों-किसानों को लेकर हो सकती है. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चेताया कि अगर इस दौरान कोई भी लॉकडाउन का उल्लंघन करता हुआ पाया गया और कोरोना का संकट दिखा, तो सभी रियायतें हटा दी जाएंगी.
इस परीक्षा के दौरान देश के हर जिले को मापा जाएगा, साथ ही ये भी देखा जाएगा कि कौन-सा इलाका हॉटस्पॉट है या फिर बन सकता है. यानी इस एक हफ्ते के दौरान लॉकडाउन का काफी सख्ती से पालन करवाया जाएगा.
सरकार की ओर से जारी किए जाएंगे निर्देश
लॉकडाउन का दूसरा फेज़ किस तरह काम करेगा, इसको लेकर आज सरकार की ओर से निर्देश दिए जाएंगे. आज ही केंद्रीय कैबिनेट की बैठक होनी है, ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि इसी के बाद सरकार सभी दिशा निर्देश जारी कर सकती है.
क्या बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से अपने संबोधन में कहा गया कि भारत ने कोरोना वायरस को लेकर समय रहते कड़े फैसले लिए, तभी आज कई देशों के मुकाबले यहां की स्थिति बेहतर है. पीएम मोदी की ओर से कहा गया कि मौजूदा परिस्थितियों में कोरोना वायरस से निपटने के लिए लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की सबसे बेहतरीन ऑप्शन है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, मंगलवार रात तक देश में कोरोना वायरस के कुल केस की संख्या 10815 हो गई है. जबकि अबतक 350 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, करीब 1100 लोग अबतक कोरोना वायरस से ठीक होकर डिस्चार्ज किए जा चुके हैं.