भोपाल की निशातपुरा कोच फैक्ट्री के इंजीनियर्स ने डॉक्टरों के लिए बनाया चरक

भोपाल
कोरोना (corona) के खिलाफ लड़ाई में भारतीय रेलवे (indian railway) भी अपना पूरा सहयोग दे रहा है. दवाई और खान-पान की चीजें या मेडिकल उपकरण, रेलवे लगातार मालगाड़ियों से सामान सप्लाई कर रहा है. इसी के साथ वो ट्रेनों के कोच को कोरोना पीड़ितों के इलाज के लिए वॉर्ड में बदल रहा है. भोपाल (bhopal) की निशातपुरा कोच फैक्ट्री में अब डॉक्टरों के लिए स्पेशल केबिन बनाए जा रहे हैं ताकि वो पूरी तरह सुरक्षित रहकर कोरोना मरीज़ों का इलाज कर सकें.रेलवे कोच वर्कशॉप सीआरडब्ल्यूएस (CRWS) निशातपुरा के इंजीनियर्स ने ये मोबाइल मेडिकल इंस्पेक्शन यूनिट बूथ तैयार किया है. इसक नाम 'चरक' रखा गया है. ऐसी चार यूनिट एम्स और हमीदिया अस्पताल को दी गई हैं.
रेलवे के इंजीनियरों ने मेडिकल बूथ तैयार किया है, उसमें डॉक्टर के बैठने के लिए जगह है. साथ ही इलाज और सैंपल से जुड़ा सामान रखने की भी जगह है. केबिन के अंदर दो छोटे-छोटे विंडो दिए हैं. जिसमें से मरीज डॉक्टर से बातचीत कर सकता है और डॉक्टर उसका वहीं से इलाज भी कर सकते हैं. इसी कैबिन में बैठकर डॉक्टर या स्वास्थ्य विभाग के दूसरे कर्मचारी संदिग्ध मरीज से पर्याप्त दूरी बनाए रखकर उसका सैंपल ले सकते हैं. कैबिन पूरी तरीके से सैनिटाइज है. इसमें साफ सफाई का पूरा ध्यान रखा गया है.
इस मेडिकल बूथ को मरीजों का ध्यान रखकर भी डिजाइन किया गया है. इसमें केबिन के बाहर एक कुर्सी रखी गयी है. यह यूनिट डॉक्टरों के लिए कारगर साबित हो रही है. क्योंकि राजधानी भोपाल में सबसे ज्यादा संख्या में डॉक्टर और स्वास्थ्य विभाग से जुड़ा स्टाफ कोरोना संक्रमण की चपेट में आया है. ऐसे में ये केबिन उनका मददगार होगा. डॉक्टर और स्टाफ इस केबिन में बैठकर पूरे एहतियात के साथ दूर से ही मरीज़ों का इलाज और सैंपल ले सकेंगे.