तालिबान के बुलावे पर काबुल लौटे अफगानिस्तान के पूर्व मंत्री गुलाम फारूक वरदाक

काबुल
पिछले साल अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के कब्जे के बाद देश छोड़ने वाले पूर्ववर्ती सरकार के एक मंत्री बुधवार को काबुल लौट आए। तालिबान ने हाई प्रोफाइल लोगों को सुरक्षा का भरोसा देते हुए उनसे स्वदेश वापसी की अपील की है। अफगानिस्तान लौटने वाले गुलाम फारूक वरदाक, हामिद करजई व अशरफ गनी सरकारों में मंत्री रहे थे। विदेश में रह रहे प्रभावशाली अफगानियों के साथ वार्ता के लिए तालिबान द्वारा गठित निकाय के प्रवक्ता अहमद वासिक ने बताया कि वरदाक तुर्की में रह रहे थे।
वासिक ने बताया कि रक्षा मंत्रालय के पूर्व प्रवक्ता, बिजली कंपनी के पूर्व प्रमुख व कुछ पूर्व सैन्य अधिकारी भी स्वदेश लौटे हैं। हालांकि, वासिक के इस दावे की पुष्टि नहीं हुई है। तालिबान ने अपनी सरकार को अंतरराष्ट्रीय मान्यता दिलाने के उद्देश्य से विदेश में रह रहे प्रभावशाली अफगानियों की वापसी की पहल की है। वारदक ने सरकारी मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, 'ज्यादातर प्रभावशाली अफगानी स्वदेश वापसी की सोच रहे हैं।' उल्लेखनीय है कि पिछले साल अगस्त में अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद गनी सरकार के ज्यादातर पदाधिकारियों ने अफगानिस्तान छोड़ दिया था। खुद गनी भी इस समय संयुक्त अरब अमीरात में रह रहे हैं।
तालिबान शासन में बढ़ रहे महिला अधिकार हनन के मामले
ह्यूमन राइट वाच (एचआरडब्ल्यू) के महिला अधिकार डिवीजन की प्रमुख हीथर बर्र ने कहा कि तालिबान शासन में महिला अधिकारों के हनन के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। बर्र ने कहा, 'तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद महिलाओं के सम्मान व उनके अधिकारों की रक्षा का भरोसा दिया था। अफगानिस्तान की महिला अधिकार कार्यकर्ताएं बताती हैं कि तालिबान के सारे वादे झूठे साबित हुए।'
बाल तस्करी के मामलों में भी इजाफा
फ्रंटियर पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि तालिबान शासन में अफगानिस्तान में बाल तस्करी व खाद्य पदार्थो के अवैध कारोबार में वृद्धि हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान व अन्य पड़ोसी देशों में जाने वाले ट्रकों में छुपाकर बच्चों व खाद्य पदार्थो की तस्करी की जा रही है। अफगानी सीमाओं पर ऐसे दृश्य बहुत आम हो गए हैं।