राजस्थान में कर्जमाफी घोटाला, किसानों के नाम आए करोड़ों रुपये हड़प गए बैंक अधिकारी; यूं खुली पोल

भरतपुर।
राजस्थान के भरतपुर स्थित केन्द्रीय सहकारी बैंक में लगभग 26 करोड़ रुपये के गबन की जांच के दौरान एक और बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है। हैरान करने वाली बात यह है कि बैंक अधिकारियों ने किसानों की कर्ज माफी के बदले सरकार की ओर से आए पैसे हड़प लिए। सरकार की ओर से दिए गए करीब 29.96 करोड़ रुपये बैंक अधिकारियों ने लोन अकाउंट्स में जमा कराने की जगह पर सेविंग अकाउंट्स में जमा कर लिए। मामला सामने आया तो आनन-फानन में बैंक के चार अफसरों को सस्पेंड कर दिया गया। वहीं मामले में सहकारी विभाग ने राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम 2001 की धारा 55 के तहत विस्तृत जांच कराने का भी फैसला किया है।
राजस्थान पत्रिका की खबर के मुताबिक, केन्द्रीय सहकारी बैंक की कलेक्ट्रेट, कामां और डीग ब्रांच में यह घोटाला सामने आया है। इन तीनों ब्रांचों में सबसे बड़ा खेल कामां ब्रांच में हुआ है। कामां ब्रांच में 22 करोड़, कलेक्ट्रेट और डीग ब्रांच में तीन-तीन करोड़ की गड़बड़ी की बात सामने आ रही है। हालांकि फिलहाल यह अनुमानित आंकड़ा है, आगे की जांच में यह और ज्यादा बढ़ सकता है। जॉइंट रजिस्ट्रार विभा खेतान को दो महीने में जांच कर रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है।
यह है पूरा मामला
दरअसल बीते साल भरतपुर के सहकारी बैंक में 300 से ज्यादा फर्जी नामों से एफडी तैयार करने के बाद ब्याज की रकम हड़पने का मामला सामने आया था। मामले में अपेक्स बैंक ने अक्टूबर 2021 में एक टीम भरतपुर भेजी थी। हैरान करने वाली बात यह रही कि जांच में और बातें ना खुलें, इसके लिए बैंक अधिकारियों ने गबन की गई पूरी रकम जमा करा दी। जांच के दौरान पूछताछ में किसानों की कर्जमाफी से जुड़ा घोटाला सामने आ गया।