बिज़नेस

RBI ने 0.50 प्रतिशत बढ़ाई ब्याज दर,बढ़ेगी आपकी ईएमआई

मुंबई
 मुद्रास्फीति (Inflation) में कमी के कोई संकेत नहीं दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में भारतीय रिजर्व बैंक ने आज बुधवार को फिर से नीतिगत दरों (RBI Repo Rate) में बढ़ोतरी की है। गवर्नर शक्तिकांत दास पहले ही इसके संकेत दे चुके थे। पिछले ही महीने रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 0.40 फीसदी की बढ़ोतरी की थी और अब इस महीने फिर से 0.50 फीसदी तक की बढ़ोतरी की गई है। अब रेपो रेट की नई दर 4.90 फीसदी हो गई है। इस बढ़ोतरी के चलते फिर से आपकी ईएमआई महंगी हो जाएगी।

आपकी ईएमआई पर होगा असर
रिजर्व बैंक की तरफ से इस बार रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट यानी 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। रेपो रेट बढ़ने का सीधा सा मतलब है कि रिजर्व बैंक की तरफ से बैंकों को लोन महंगी दर पर मिलेगा। ऐसे में बैंक इस बढ़ोतरी को ग्राहकों तक ट्रांसफर करेंगे और उनके लिए भी कर्ज लेने की दरें महंगी हो जाएंगी। वहीं अगर आपको होम लोन चल रहा है तो उसकी ईएमआई में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। हालांकि, इससे उन लोगों को फायदा होगा जो बैंक एफडी कराते हैं, क्योंकि इससे एफडी की दरें भी बढ़ जाएंगी।

महंगाई पहुंची 7.79 फीसदी पर
खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में लगातार सातवें महीने बढ़ते हुए आठ साल के उच्चतम स्तर 7.79 प्रतिशत पर पहुंच गई है। इसकी मुख्य वजह यूक्रेन-रूस युद्ध के चलते ईंधन सहित जिंस कीमतों में बढ़ोतरी है। थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति 13 महीने से दो अंक में बनी हुई है और अप्रैल में यह 15.08 प्रतिशत के रिकॉर्ड उच्चस्तर को छू गई। दास ने कुछ समय पहले ही एक टीवी साक्षात्कार में कहा था, ‘‘रेपो दरों में कुछ बढ़ोतरी होगी, लेकिन अभी मैं नहीं बता पाऊंगा कि यह कितनी होगी।’’

पिछले महीने बढ़ी थी रेपो रेट
आरबीआई (Reserve Bank of India) ने बीते महीने 4 मई को भी रेपो रेट में 0.40 फीसदी का इजाफा किया था.  जिसके बाद रेपो रेट 4.40 फीसदी हो गई थी. रेपो रेट में यह इजाफा साल 2020 के बाद पहली बार था. रेपो रेट को दो साल बाद बढ़ाया गया था. पिछली प्रेस- कांप्रेंस  में ही आरबीआई गवर्नर ने आगामी बैठकों में रेपो रेट बढ़ाने के संकेत दिए थे. ऑफ-साइकिल मौद्रिक नीति समीक्षा में भी आरबीआई (Reserve Bank of India) ने सीआरआर में 50 बेसिस प्वॉइंट की बढ़ोतरी की थी.

विदेशी ब्रोकरेज कंपनी बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज का दावा
इसी के साथ विदेशी ब्रोकरेज कंपनी बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज का दावा है कि अगस्त में होने वाली मीटिंग में भी रेपो रेट 0.35 फीसदी से बढ़ने का अनुमान है. इस तरह अगस्त तक रेपो रेट में कुल बढ़ोतरी 0.75 फीसदी हो जाएगी.

इन बैंकों ने पहले ही महंगा कर दिया था लोन
आरबीआई के फैसले से पहले ही बीते मंगलवार को तीन बैंक ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर चुके थे. बीते मंगलवार को केनरा बैंक (Canara Bank), एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) और करुर वैश्य बैंक (Karur vysya Bank) ने अपनी ब्याज दरों को बढ़ा दिया है. जिसकी वजह से खाताधारकों को महंगे लोन का बोझ उठाना होगा.

क्या होतो है रेपो रेट
आरबीआई जिस रेट पर कमर्शियल बैंकों और दूसरे बैंकों को लोन देता है उसे रेपो रेट (Repo Rate) कहा जाता है. रेपो रेट कम होने का मतलब है कि बैंक से मिलने वाले सभी तरह के लोन सस्ते हो जाएंगे. इससे आपकी जमा पर ब्याज दर में भी बढ़ोतरी हो जाती है.

रिवर्स रेपो रेट
रिवर्स रेपो रेट (Reverse Repo Rate) बैंकों को उनकी ओर से आरबीआई में जमा धन पर जिस रेट पर ब्याज मिलता है, उसे रिवर्स रेपो रेट (Reverse repo rate) कहते हैं. बैंकों के पास जो अतिरिक्त कैश होता है उसे रिजर्व बैंक के पास जमा करा दिया जाता है. इस पर बैंकों को ब्याज भी मिलता है.

Related Articles

Back to top button