मध्य प्रदेशराज्य

मुख्यमंत्री चौहान और सदगुरू की उपस्थिति में मिट्टी बचाओ जन-जागरण अभियान

भोपाल

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं सदगुरू योगी वासुदेव जग्गी की उपस्थिति में मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में 9 जून को सायं 6 बजे से मिट्टी बचाओ जन-जागरण संबंधी कार्यक्रम होगा। सदगुरू वासुदेव अपनी 30 हजार किलोमीटर की मोटर साइकिल यात्रा के दौरान मध्यप्रदेश के सागर, विदिशा एवं रायसेन होते हुए 9 जून को भोपाल पहुँचेंगे और कार्यक्रम में शामिल होंगे। वे अभियान के संबंध में अपने विचार भी व्यक्त करेंगे।

कार्यक्रम में सांस्कृतिक गान एवं नृत्य की प्रस्तुति की जायेगी। सेव स्वॉइन थीम पर वीडियो फिल्म का प्रदर्शन भी होगा। मुख्यमंत्री चौहान मध्यप्रदेश में धरती बचाने, मिट्टी बचाने, वृक्षारोपण से जन-जागरूकता के लिये किये जा रहे प्रयासों की जानकारी देंगे। सदगुरू वासुदेव सीहोर, आष्टा, सोनकच्छ, देवास-इंदौर बायपास होते हुए महेश्वर जायेंगे और वहाँ से मुम्बई के लिये प्रस्थान करेंगे।

सदगुरू वासुदेव 1 मार्च, 2022 को यूरोप, मध्य एशिया और मध्य पूर्व के देशों से होते हुए मिट्टी बचाने के लिए अकेले मोटर साइकिल यात्रा पर निकले थे। कुछ दिन पहले गुजरात के शहर जामनगर पहुँचे। नौ भारतीय राज्यों में अपनी भारतीय यात्रा को जारी रखते हुए, वे गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और नई दिल्ली से गुजरे हैं। नई दिल्ली में मिट्टी बचाओ कार्यक्रम में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदगुरू के साथ शामिल हुए और आंदोलन के प्रति अपना समर्थन और प्रोत्साहन दिया। सदगुरू ने प्रधानमंत्री को मिट्टी के पुनरुद्धार की हैंडबुक भेंट की|

मोटरसाइकिल पर अकेले 30 हजार किलोमीटर की यात्रा शुरू कर सद्गुरु अगले कुछ महीनों में यूके, यूरोप, और मिडिल-ईस्ट से होते हुए भारत तक 27 देशों से गुजरे और देश दुनिया के नेताओं, मीडिया, और प्रमुख विशेषज्ञों से मिले और मिट्टी को बचाने के लिए संगठित कार्यवाही करने की तत्काल जरूरत पर जोर दिया। इसी श्रंखला में सदगुरु लखनऊ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ से भेंट करने के पश्चात मध्यप्रदेश पहुँचे हैं।

मिट्टी बचाओ अभियान का मुख्य मकसद सभी देशों पर जोर डालना है कि तत्काल नीति सुधारों के जरिए कृषि-भूमि में कम से कम 3-6 प्रतिशत जैविक तत्व का होना जरूरी बनाया जाए। इस न्यूनतम जैविक तत्व के बिना, मृदा वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि मिट्टी की मृत्यु पक्की है, एक ऐसी घटना जिसे वे ‘मिट्टी-विलोपन’ बता रहे हैं।

देश की लगभग 30 प्रतिशत उपजाऊ मिट्टी बंजर हो गई है और उपज देने के नाकाबिल है। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि इस दर से मिट्टी के खराब होने से धरती का 90 प्रतिशत भाग वर्ष 2050 तक रेगिस्तान में बदल जाएगा, जिसमें बस 30 साल बचे हैं। इसे पलटने के लिए सद्गुरु ने इस मार्च में मिट्टी बचाओ अभियान शुरू किया था, और सेव-सॉयल के लिए समर्थन जुटाने के लिए 27 देशों से होकर यात्रा की और नेताओं, राजनीतिज्ञों, वैज्ञानिकों और नागरिकों से मिले। मिट्टी बचाओ अभियान को यूनाइटेड नेशंस कन्वेंशन टू कॉम्बैट डेज़र्टिफिकेशन (UNCCD), यूनाइटेड नेशंस पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP), यूएन वर्ल्ड खाद्य कार्यक्रम, और इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजरवेशन ऑफ नेचर (ICUN) का समर्थन प्राप्त है।

 

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