नर्सिंग स्टाफ की नाहन मेडिकल कालेज में भारी कमी, चरमरा रहीं स्वास्थ्य सेवाएं

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नाहन
डा यशवंत सिंह परमार राजकीय मेडिकल कालेज नाहन में लंबे समय से नर्सिंग स्टाफ की कमी से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही है। प्रशिक्षु नर्सों से लेकर अस्पताल में मरीजों को उपचार के लिए परेशानी उठानी पड़ रही है। मेडिकल कालेज में नर्सिंग स्टाफ की भारी कमी है। स्टाफ नर्स के 71 पद रिक्त पड़े हैं। इसके अलावा अन्य स्टाफ की भी भारी कमी है। मेडिकल कालेज में नर्सिंग अधीक्षक के स्वीकृत सभी तीन पद रिक्त पड़े हैं। मैट्रन के स्वीकृत सात में से दो पद खाली है। अस्तपाल में व्यवस्थाओं का जिम्मा वार्ड सिस्टर के कंधों पर रहता है। वार्ड सिस्टर के 35 में से 9 पद रिक्त हैं।

इसके अलावा स्टाफ नर्स के 181 पद मेडिकल कालेज में स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से 110 पदों पर स्टाफ नर्सें सेवाएं दे रही है। स्टाफ नर्स पर अस्पताल में दाखिल मरीजों की देखरेख का पूरा जिम्मा रहता है। इसी तरह मेडिकल कालेज में नर्सिंग का प्रशिक्षण ले रही छात्राओं को पढ़ाने वाली शिक्षक सिस्टर (नर्सिंग ट्यूटर) के स्वीकृत छह में से पांच पद रिक्त पड़े हैं। दाई के स्वीकृत सात पदों में से पांच पद खाली चल रहे हैं। गौरतलब है कि मेडिकल कॉलेज नाहन में रोजाना एक हजार से 1200 की ओपीडी होती है।

इन दिनों में गर्मी के चलते वायरल फीवर और संक्रमण के मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। गंभीर रूप से बीमार लोगों को उपचार के लिए दाखिल किया जाता है, लेकिन स्टाफ की किल्लत के चलते वहां उन्हें बेहतर सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। हालांकि मेडिकल कालेज प्रबंधन लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने की बात करता है, लेकिन धरातल पर सुविधाएं कुछ और ही रहती हैं। मेडिकल कालेज के कार्यवाहक प्रधानाचार्य डॉ. श्याम लाल कौशिक ने माना कि मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग स्टाफ की कमी है। उन्होंने बताया कि शिक्षक सिस्टर और स्टाफ नर्स सहित अन्य रिक्त पदों के बारे में विभाग के उच्चाधिकारियों को सूचित किया गया है। उम्मीद है जल्द ही खाली पड़े पदों को भरा जाएगा।

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