मध्य प्रदेशराज्य

प्रदेश में 40 नये एमबीए कॉलेज देंगे एडमिशन, भोपाल में एक दर्जन

भोपाल
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) और प्रदेश के विश्वविद्यालयों ने एमबीए कॉलेजों को खुलकर मान्यता और संबद्धता बांट दी है।  इस तरह आगामी सत्र 2022-23 में प्रदेश में 40 नये एमबीए कॉलेज प्रवेश देंगे। लेकिन कॉलेजों की गुणवत्ता को नियंत्रित करने के लिए एआईसीटीई इनकी सीटों पर 60 से 80 फीसदी तक की कटौती कर सकता है।

प्रदेश में 40 नये कॉलेज आगामी सत्र 2022-23 में एमबीए की सीटों पर प्रवेश देंगे। सबसे ज्यादा 20 कॉलेज इंदौर, भोपाल में 1 दर्जन, जबलपुर, देवास और ग्वालियर में एक-दो कॉलेज स्थापित हो चुके हैं। उक्त कॉलेजों ने एआईसीटीई 180 से 300 सीटों का इंटेक लेने की अर्जी लगा दी है। इससे प्रदेश में कॉलेजों की संख्या करीब 250 तक पहुंच जाएगी। इससे कॉलेजों की सीटें 36 हजार तक पहुंच जाएगी।  आठ साल पहले तक एमबीए की गिरती साख के कारण कई कॉलेज बंद हुये थे। यहां तक कई कॉलेजों ने अपनी एक-एक यूनिट तक बंद करा ली थी। एमबीए की गुणवत्ता में  कोई गिरावट नहीं आये जिसके चलते एआईसीटीई कॉलेजों की सीटों पर 60 से 80 फीसदी सीटों पर कटौती कर सकता है।

उन्हें काउंसलिंग में भागीदारी कर सिर्फ 60-60 सीटों के बंधन में बांधकर प्रवेश कराने की अनुमति दी जाएगी। इससे प्रदेश में सभी 40 कॉलेज काउंसलिंग में भागीदारी करने के साथ गुणवत्ता पर फोकस कर सकेंगे। गत वर्ष भी एआईसीटीई ने 40 कॉलेजों को मान्यता दी थी, जिसके चलते प्रदेश में 211 एमबीए कॉलेज हो गये थे। गुणवत्ता पर फोकस किये बिना ही एक-एक कर एमबीए कॉलेजों को एनओसी जारी करता चला जा रहा है।

मापदंडों पर फोकस करना जरुरी
विभागीय अधिकारियों का कहना है एमबीए कॉलेज लाखों रुपये खर्च कर एआईसीटीई और विवि में फीस जमा कर 180 से 300 सीटों तक मंजूरी लेकर आए हैं। उन्होंने गुणवत्ता युक्त एमबीए डिग्री देने के लिये मापदंडों को पूरी तरह हवा में उडा दिया है। इसलिए उनकी सीटों को नियंत्रित करने के लिय सीटों में कटौती की गई है।

 

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