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स्नो कवर एरिया में 25 फीसदी तक की गिरावट, तेजी से पिघल रही बर्फ

शिमला

हिमालय पर इस साल मार्च और अप्रैल की भयंकर गर्मी से बर्फ तेजी से पिघल रही है। यह दावा हिमाचल प्रदेश विज्ञान पर्यावरण एवं प्रौद्योगिकी परिषद (HIMCOSTE) द्वारा हाल ही में किए गए ताजा सर्वेक्षण में किया गया है।

स्नो कवर एरिया में 19 से 25 फीसदी तक की गिरावट

HIMCOSTE की रिपोर्ट के मुताबिक, रावी, ब्यास, सतलुज व चिनाब चारों बेसिन पर स्नो-कवर एरिया में 19 से 25 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई है। बीते साल 2020-21 में 4 से 10 फीसदी स्नो कवर कम हुआ था। 2021 में अर्ली स्नो फॉल का चारों रिवर बेसिन पर अच्छा असर देखा गया, लेकिन जनवरी से फरवरी के बीच चिनाब और रावी बेसिन पर नेगेटिव इंपैक्ट देखने को मिला है।

तापमान में बढ़ोतरी खतरनाक संकेत

HIMCOSTE की रिपोर्ट मार्च और अप्रैल में अचानक तापमान में बढ़ोतरी को खतरनाक संकेत बताती है। मार्च माह में चिनाब बेसिन पर बीते साल की तुलना में तापमान में 1.3 डिग्री, अप्रैल में 8.3 डिग्री और मई में 3 डिग्री का सामान्य से अधिक और रावी बेसिन पर मार्च में 2.3 डिग्री, अप्रैल में 6.1 डिग्री और मई महीने में 3 डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया।

सतलुज बेसिन पर अप्रैल में 8.2 डिग्री अधिक पारा

ब्यास बेसिन पर मार्च में 3 डिग्री ज्यादा, अप्रैल में 7.3 डिग्री और मई में 4 डिग्री ज्यादा सेल्सियस तापमान तथा सतलुज बेसिन पर मार्च में 2.8 डिग्री, अप्रैल में 8.2 डिग्री व मई महीने में 2.9 डिग्री का उछाल देखा गया है। यही वजह है कि इस बार मार्च और अप्रैल में बर्फ तेजी से पिघली है, यानी चारों रिवर बेसिन पर अप्रैल और मई में 2 से 8.3 डिग्री तक तापमान सामान्य से अधिक रहा है।

पड़ोसी राज्यों पर पड़ सकता है असर

हिमालय क्षेत्रों के साथ लगते जल स्त्रोतों पर इसका व्यापक असर मार्च, अप्रैल और मई महीने में पानी की कमी के तौर पर प्रदेश के लोग झेल चुके है। पर्यावरण वैज्ञानिक मान रहे हैं कि हिमाचल में अर्ली गर्मी के साइड इफेक्ट आने वाले दिनों में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान पर पानी के डिस्चार्ज में कमी के तौर में देखने को मिल सकते हैं।

स्नो कवर एरिया कम होने से शॉट टर्म में असर

HIMCOSTE के सीनियर सांइटिफिक ऑफिसर डॉ. सुरजीत रंधावा ने बताया कि स्नो कवर कम होने से पानी का डिस्चार्ज कम होगा। प्रदेश के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों पर भी शॉट टर्म में इसका असर देखने को मिल सकता है।

डॉ. रंधावा ने बताया कि मार्च और अप्रैल महीने में तापमान में उछाल अच्छा संकेत नहीं है, क्योंकि हिमालय से निकलने वाली स्पीति, रावी, सतलुज और इसकी बारहमासी सहायक नदियों को ग्लेशियर और स्नो कवर एरिया रिचार्ज करते हैं।

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