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हिंदू युवक-मुस्लिम युवती ने शादी के लिए किया आवेदन, कोर्ट ने मांगा धर्मतांतरण न करने का शपथ पत्र

ग्‍वालियर
साथ में काम करते हुए दोनों ने एक-दूसरे को पसंद किया और प्यार हो गया। युवक और लड़की ने शादी करने का फैसला किया और जब घरवालों को बताया तो घरवालों ने बच्चों की खुशी में उनकी खुशी को समझा। युवक हिंदू समुदाय के ग्वालियर का रहने वाला है और युवती मुस्लिम समुदाय से कर्नाटक के गधारा की रहने वाली है। अब दोनों ने ग्वालियर स्थित अपर कलेक्टर की मैरिज कोर्ट में शादी के लिए आवेदन किया है। जिसमें कोर्ट ने दोनों से एक दूसरे का धर्म परिवर्तन न करने का हलफनामा लिया है। यह हलफनामा मध्य प्रदेश में धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021 के लागू होने के बाद शादी की आड़ में धर्मतांतरण को रोकने के लिए लिया गया है, क्योंकि इस कानून में कहा गया है कि कोई भी शादी के लिए धर्मतांतरण नहीं करेगा। अब वेरिफिकेशन की प्रक्रिया चल रही है और शादी 20 जून को होनी है।

युवक कर्नाटक के गधरा में एक निजी कंपनी में काम करता था। यहां दोनों संपर्क में आए और अब परिवार की सहमति से कोर्ट मैरिज करने जा रहे हैं। कोर्ट मैरिज की प्रक्रिया पूरी होने के बाद मैरिज सर्टिफिकेट दिया जाएगा। मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021 अधिनियम मध्य प्रदेश में जबरन धर्मांतरण और धोखाधड़ी विवाह की घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से विधान सभा में लाया गया था। इस कानून के लागू होने के बाद ऐसे मामलों में युवक और युवती दोनों से एक हलफनामा लिया गया है, जिसमें दोनों को एक-दूसरे का धर्म परिवर्तन नहीं करने की घोषणा करते हुए एक हलफनामा देना होगा।

विशेष विवाह अधिनियम के तहत विवाह अपर समाहरणालय न्यायालय में होता है, जिसका प्रमाण पत्र भी उपलब्ध कराया जाता है। इसमें सबसे पहले आवेदन लेने के बाद एक महीने की अवधि के लिए सार्वजनिक रूप से एक विज्ञप्ति प्रकाशित की जाती है, जिसमें कोई आपत्ति सुनी जाती है। दोनों के माता-पिता को पत्र जारी किए जाते हैं और सत्यापन रिपोर्ट तहसीलदार और संबंधित थाने के टीआई से ली जाती है।

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