फर्श से अर्श तक

कोर्ट ने कहा – शादी से पहले कोर्ट में देना पड़ा धर्मांतरण नहीं कराने का हलफनामा

ग्वालियर

मध्यप्रदेश सरकार के ग्वालियर में हिंदू लड़का, मुस्लिम लड़की से शादी करने जा रहा है. दोनों ने शादी के लिए ग्वालियर मैरिज कोर्ट में आवेदन किया है. कोर्ट की ओर से लड़के और लड़की से शपथ पत्र लिया गया है कि दोनों पक्षों पर धर्मांतरण का किसी तरह का कोई दबाव तो नहीं है. बताया जा रहा है कि यह शादी 20 जून को होनी है.

दरअसल, मध्यप्रदेश सरकार धर्मांतरण पर सख्त हो गई है. पिछले साल शिवराज सरकार इसे लेकर कानून भी लाई थी. ऐसे में अब यहां दूसरे धर्म से शादी से पहले शपथ पत्र देना पड़ता है कि कहीं दोनों पक्षों पर धर्मांतरण का किसी भी तरह का कोई दबाव तो नहीं है.

20 जून को होनी है शादी

ग्वालियर का हिंदू लड़का और कर्नाटक की मुस्लिम लड़की प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं. दोनों ने शादी करने का फैसला किया है. शादी 20 जून को होनी है. दोनों ने ग्वालियर एडीएम अपर कलेक्टर की मैरिज कोर्ट में शादी के लिए आवेदन किया. इस दौरान दोनों को शपथ पत्र देना पड़ा कि वे किसी भी दबाव में शादी नहीं कर रहे हैं, न ही शादी के लिए धर्मांतरण कराया गया है. बताया जा रहा है कि लड़के और लड़की के परिजनों ने शादी की अनुमति दे दी है.  

एक महीने पहले देनी पड़ती है विज्ञप्ति

मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के मुताबिक, अब इस तरह की शादी में शपथ पत्र लिया जाता है. नए अधिनियम के मुताबिक, कोई शादी के लिए धर्मांतरण नहीं करेगा. नए प्रावधान के मुताबिक, शादी के आवेदन से पहले सार्वजनिक रूप से विज्ञप्ति प्रकाशित की जाती है. एक माह का समय दिया जाता है कि कोई अगर आपत्ति करना चाहे तो कर सकता है. इसके बाद माता पिता को सूचना दी जाती है. इसके बाद अपर कलेक्टर के विशेष कोर्ट में शादी कराकर उनको मैरिज सर्टिफिकेट प्रदान कर दिया जाता है.

Related Articles

Back to top button