उत्तर प्रदेशराज्य

प्रयागराज में हिंसा के बाद एक हजार दंगाइयों के खिलाफ एफआईआर दर्ज, 65 लोग गिरफ्तार, इलाके में अब भी तनाव

 प्रयागराज
जुमे की नमाज के बाद हुए उपद्रव के बाद से अटाला का पुराने शहर का इलाका छावनी में तब्दील हो गया है। पीएसी के अलावा आरपीएफ की टुकडियां और भारी संख्या में पुलिसकर्मी और दंगी नियंत्रित करने वाली कंपनी सड़क पर तैनात है। किसी भी संभावित सभा को रोकने के लिए गलियों में पुलिस की गश्त जारी है। अटाला और आसपास के इलाके में दुकानें भी बंद हैं। पुलिस ने प्रभावित इलाके की तरफ से रूट भी डायवर्ट कर दिया है। इलाके में अब भी धारा 144 लागू है। प्रयागराज के जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री के मुताबिक स्थिति सामान्य बनी हुई है। हमने सभी से शांति बनाए रखने की अपील की है और एहतियात के तौर पर धारा 144 जारी है।

खुल्दाबाद के अटाला, करेली और आसपास के इलाकों में पीएसी और आरएएफ की अतिरिक्त कंपनियों को तैनात किया गया है। लोगों से बार-बार शांति बनाए रखने को कहा जा रहा है। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पुराने शहर के प्रभावित और आसपास के इलाकों में चार मजिस्ट्रेट भी तैनात किए गए हैं।

उपद्रव में शामिल 65 लोगों  की गिरफ्तारी
प्रयागराज रेंज के आईजी राकेश सिंह के मुताबिक शनिवार शाम से अब तक हिंसा में शामिल लगभग 65 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलाना घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग और सीसीटीवी फुटेज की मदद से हिंसा में शामिल बाकी लोगों की पहचान की कोशिश की जा रही है ताकि और गिरफ्तारियां हो सकें। पुलिस ने 1000 लोगों के खिलाफ दंगा, आगजनी, धारा 144 का उल्लंघन करने, सरकारी काम में बाधा डालने, पुलिस कर्मियों पर हमला करने और सरकारी और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के आरोप में मामला दर्ज किया है।
 
उपद्रवियों की खैर नहीं, 1000 के खिलाफ FIR
इस मामले में दो एफआईआर खुल्दाबाद पुलिस स्टेशन और एक एफआईआर करेली में दर्ज की गई है। गिरफ्तार लोगों से पूछताछ की जा रही है और उनसे पूछताछ के आधार पर उनके साथियों को भी गिरफ्तार किया जाएगा। शनिवार की हिंसा की घटना में शामिल लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) सहित बाकी धाराओं में केस चलाया जाएगा।

25 ट्रक भरकर उठाए गए पत्थर
इस बीच अटाला इलाके में रात भर ऑपरेशन की सफाई जारी रही जहां शनिवार को हिंसक भीड़ द्वारा भारी ईंट-पत्थरबाजी और आगजनी की गई थी। प्रयागराज नगर निगम की मदद से क्षेत्र से 25 ट्रक पत्थर और ईंट और दूसरा कचरा उठाया गया। इलाके को साफ करने के लिए अधिकारियों को जेसीबी मशीन और 50 सफाई कर्मचारियों की टीम लगानी पड़ी।

 

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