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15 देशों में बैन हो चुके आॅन लाईन गेम्स को भारत में बैन करने की मांग

रायपुर
दुनिया भर में 15 से अधिक देशों में आॅन लाईन गेम्स पर प्रतिबंध लग चुका है , किन्तु भारत में अब तक प्रतिबंध से संबंधित सख्त कानून बन न पाना चिन्ता का विषय है। जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने बताया कि भारत में 3 वर्ष से 18 वर्ष आयु के बच्चे आॅन लाईन गेम्स के बुरी तरह गिरफ्त में हैं , इससे ना केवल बच्चे मानसिक रूप से विकृत हो रहे हैं और डीप्रेशन के शिकार हो रहे हैं।

बच्चों में नैतिक मूल्यों का पतन हो रहा है साथ ही शारिरिक क्षमता का ह्रास हो रहा है , दिनभर बच्चे घर पर मोबाईल पर लगे रहते हैं मना करने पर वादविवाद की स्थिति पैदा होती है। मैदानी स्तर के खेलों में रुचि कम हो गई है , पारम्परिक खेलों में सनलग्नता लुप्तप्राय हो गई है। नैतिक मूल्यों की बात करें तो कई बच्चे आपराधिक प्रवृत्ति की ओर बढ़ रहे हैं। घर से परिजनों के रुपये चुराना आम बात हो गई है , आत्महत्या व हत्या जैसी घटनाएं सामने आ रही है। जैन संवेदना ट्रस्ट ने उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ से दिल दहला देने वाली घटना जिसमें 16 वर्षीय बालक द्वारा अपने पिता की रिवाल्वर से स्वंय की माँ की हत्या करने पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए संवेदना प्रकट की है। जैन संवेदना ट्रस्ट ने माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल को पत्र लिखकर आॅनलाइन गेम्स पर तत्काल प्रतिबंध लगाने संबंधित कड़े कानून बनाने की मांग की है।

इस आशय का पत्र पिछले साल भी 2 अगस्त को भेजा गया था। इस परिपेक्ष्य में जैन संवेदना ट्रस्ट ने आपात बैठक बुलाकर सकल जैन समाज में सभी परिवारों को आॅनलाइन गेम्स पर कड़े प्रतिबंध लगाए जाने की बात कही है एवं जो जैन बच्चे आॅनलाइन गेम्स के आदतन हो गए हैं वे इसे छोड़ते हैं तो उन्हें पुरस्कृत किया जावेगा। जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने कहा है कि आगामी चातुर्मास में आॅनलाइन गेम्स बन्द करने जागृति अभियान चलाया जाएगा। जैन संवेदना ट्रस्ट की आपात बैठक में महेन्द्र कोचर, विजय चोपड़ा, चन्द्रेश शाह, कमल भंसाली, गुलाब दस्सानी, हरीश डागा, महावीर कोचर, अरुण कोठारी, प्रणय बुरड़ उपस्थित थे।

 

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