
रायपुर। मध्यप्रदेश पाठ्यपुस्तक निगम के पूर्व अध्यक्ष, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व उपाध्यक्ष तथा वरिष्ठ अधिवक्ता इकबाल अहमद रिजवी ने गत् दिवस छत्तीसगढ़ उर्दू अकादमी की बैठक में कांग्रेस सत्ता प्राप्ति के साढ़े तीन साल बाद ही सही देर आयद दुरूस्त आयद की कहावत को चरितार्थ करते हुए विभागीय मंत्री डा. प्रेमसाय सिंह टेकाम द्वारा उर्दू शिक्षकों के पूर्व सृजित एवं चयनित सूची पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी द्वारा 2003 में आचार संहिता लग जाने के कारण जारी नहीं हो सकी थी। भाजपा शासनकाल में 15 वर्षों तक जारी नहीं की गई थी। अब जाकर भारत में जन्मी उर्दू भाषा के विकास हेतु शिक्षकों की नियुक्ति किए जाने से उर्दू भाषा के प्रेमी एवं अल्पसंख्यकों में प्रसन्नता का माहौल नजर आ रहा है, जिसके लिए अल्पसंख्यक मुस्लिम डा. टेकाम का आभार व्यक्त करते हैं तथा बेरोजगार उर्दू भाषा के शिक्षक बनने के इन्तजार खतम होने जा रहा, जो स्वागतेय है।
रिजवी ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा है कि कांग्रेस सत्ता के साढ़े तीन साल में पहली बार उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति का द्वार खुलने जा रहा है जिसकी उम्मीद छत्तीसगढ़ बनने के बाद से उर्दू भाषा के जानकार करते आ रहे हैं। रिजवी ने विभागीय मंत्री डा. टेकाम से शिक्षकों की नियुक्ति में शीघ्रता अपनाने की मांग की है। इससे कुछ हद तक अल्पसंख्यक मुसलमानों की बेरोजगारी खतम हो सकेगी। भाजपा शासन में मुसलमानों को चपरासी पद के योग्य भी नहीं समझा जाता था। यहां पर यह बताना उचित होगा कि उर्दू का जानकार किसी भी भाषा का सही उच्चारण करना सीख सकता है।