राजनीती

दावेदारों के गड़बड़ाए समीकरण साधने की कोशिश, निकाला टिकट देने का रास्ता

भोपाल
प्रदेश कांग्रेस ने वार्ड पार्षदों की उम्मीदवारी को लेकर गाइड लाइन जारी की थी, अब इस गाइड लाइन का भी तोड़ निकाल लिया गया है। यदि वार्ड के मतदाता में से पार्टी को मजबूत दावेदार नहीं मिला तो दूसरे वार्ड के मतदाता को टिकट दिया जा सकता है, लेकिन इस संबंध में जिला अध्यक्ष को निर्णय लेने का अधिकार नहीं होगा।

कांग्रेस की नई गाइड लाइन के चलते अधिकांश शहरों के वार्डो में पार्षदों के दावेदारों के सामने संकट खड़ा कर दिया था। नई गाइड लाइन के तहत पार्षद का टिकट उसी वार्ड के वोटर को दिये जाने का तय किया गया था। इस गाइड लाइन के बाद कई शहरों के वार्डों के दावेदारों के समीकरण गड़बड़ा गए हैं। इसके चलते शहरों से इसका पार्टी के अंदर ही अंदर विरोध शुरू हुआ।

इस विरोध के बाद अब इस गाइड लाइन से परे जाकर रास्ता निकाला गया है। इसमें जिस वार्ड में वहां का मतदाता दावेदार बेहतर उम्मीदवार नहीं होगा। उस वार्ड में दूसरे वार्ड के मतदाता को उम्मीदवार बनाया जा सकेगा, लेकिन इस का फैसला जिला अध्यक्ष या जिले की कमेटी नहीं लेगी। इसका फैसला जिला प्रभारी और सह प्रभारी मिलकर करेंगे। यदि इसके बाद भी कोई पेंच फंसा तो फिर वार्ड पार्षद की उम्मीदवार का नाम पीसीसी चीफ के पास तक भेजा जाएगा। उनका निर्णय फिर अंतिम होगा।

इसके चलते अब कांग्रेस अधिकांश शहरों में 15 जून को अपने पार्षद की उम्मीदवारी का ऐलान करेगी। इस गाइड लाइन को लेकर आज सभी शहरों के जिला प्रभारी सहित अन्य नेता बैठक करेंगे। इसके बाद पार्षद के उम्मीदवारों के ऐलान का रास्ता साफ होगा।

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