मध्य प्रदेशराज्य

बड़े शहरों, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के टेक्नोलॉजी से व्यवस्था सुधारेगी टास्क फोर्स

भोपाल
प्रदेश की सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों को जल्द ही उन्नत तकनीक से लैस प्लेटफार्म उपलब्ध कराने के प्रयास तेज हो गए हैं। इसके लिए राज्य स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया है। टास्क फोर्स बड़े शहरों के अलावा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के साथ ही प्रदेश के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा पर विशेष फोकस करेगा। टास्क फोर्स में प्रदेश पुलिस के एडीजी रेंक के आधा दर्जन अफसरों को शामिल किया गया है।

पुलिस बल की वर्तमान एवं भविष्य की चुनौतियों से निपटने एवं तकनीकी रूप से पुलिस को सक्षम और उपयोगी बनाने के लिए पुलिस टैक्नोलॉजी मिशन के आधार पर राज्य स्तरीय टास्क फोर्स बनाया गया है। इसमें अपर मुख्य सचिव गृह विभाग को टास्क फोर्स का अध्यक्ष बनाया गया है। जबकि अपर मुख्य सचिव वित्त, प्रमुख सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, मैप आईटी के सीईओ के साथ ही एडीजी तकनीकी सेवाएं, एडीजी सायबर, एडीजी एससीआरबी, एडीजी पीटीआरआई, एडीजी योजना और एडीजी दूरसंचार को सदस्य के रूप में इस फोर्स में शामिल किया गया है।

इन विषयों पर करना होगा काम
प्रदेश पुलिस अभी जो तकनीकी संसाधनों से काम कर रही है , उसका आंकलन यह टास्क फोर्स करेगा। इसके साथ ही तकनीकी जरूरतों को भी चिन्हित करेगा। वहीं ऐसी तकनीक का पता लगाया जाएगा, जिससे पुलिस व्यवस्था में सुधार हो सके। इसके अलावा बड़े शहरों, नक्सल प्रभावित क्षेत्रो, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा का डेटा का एनालिसिस करना। आवाज और चेहरे की पहचान जैसे विशेष जरूरतों पर फोकस करना होगा। पुलिस के लिए तकनीकी समाधान तैयार करने में उनकी विशेषता का उपयोग कैसे होगा यह भी टास्क फोर्स को तय करना होगा।

पीएम के सामने बना था प्लान
पिछले नवंबर में लखनऊ में आयोजित डीजीपी सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलिसिंग में भविष्य की तकनीकों को अपनाने की बात की थी। उस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री की अध्यक्षता में एक उच्चाधिकार प्राप्त पुलिस प्रौद्योगिकी मिशन का गठन किया गया था। प्रधानमंत्री ने पुलिस से संबंधित घटनाओं के विश्लेषण और एक संस्थागत शिक्षण तंत्र बनाने के लिए केस स्टडी विकसित करने का समर्थन किया था। इसके लिए भारत में पुलिस बलों को लाभ पहुंचाने वाली कंप्यूटर पर आधारित सिस्टम से जुड़ी तकनीकों का प्रयोग करने का सुझाव दिया था। अब प्रदेश पुलिस भी इस पर काम कर रही है।

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