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भारत सरकार जितना एमएसपी बढ़ाएगी उतना ही किसानों को लाभ होगा – मुख्यमंत्री

रायपुर
पत्थलगांव में पत्रकारों को भेंट-मुलाकात और शासन की योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि भारत सरकार जितना एमएसपी बढ़ाएगी उतना ही लाभ किसानों को होगा। हमारे पास डीएवीपी खाद की कमी है, लेकिन हमारी निर्भरता रासायनिक खाद से कम हो रही है, क्योंकि हम खुद खाद बना रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक 20 विधानसभा में जा चुका हूं। जैसा कि आप लोगों को मालूम है कि साढ़े 03 वर्षों में शासन द्वारा किए गए विकास कार्यों का फीड-बैक लेने के लिए यह भेंट-मुलाकात कार्यक्रम चलाया जा रहा है। सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में पहुंचकर लोगों से बातचीत कर रहा हूं और स्वयं भी जमीनी स्तर पर निरीक्षण कर योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी ले रहा हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्यानिकी के क्षेत्र में भी नई संभावनाएं बनी हैं, जशपुर जिले में लीची का उत्पादन पहले ही होता आया है, अब बस्तर संभाग में भी लीची उत्पादन की संभावना बनी है। जशपुर जिले में चाय की खेती हो रही है, तो बस्तर संभाग में कॉफी का उत्पादन हो रहा है। जशपुर और बस्तर दोनों ही जगहों पर काजू का उत्पादन हो रहा है। इन सभी की वैल्यू एडिशन करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि यहां का महुआ इंग्लैंड भेजा जा रहा है,  किसानों, आदिवासियों को योजनाओं का लाभ मिल रहा है। सार्वभौम पीडीएस लागू है, हर व्यक्ति को राशन मिले ये मैने सुनिश्चित किया है। जशपुर में सड़कों की दिक्कत है, इसे मैं मानता हूं, ठेकेदार के कारण परेशानी हुई।  खरसिया से पत्थलगांव 91 कि.मी. 147 करोड़ की लागत से छत्तीसगढ़ विकास निगम के अंतर्गत स्वीकृत कर लिया गया है। सिंचाई में हो रही समस्या को दूर करने और सिंचाई व्यवस्था को अधिक सुलभ बनाने के लिए मैने एनीकट निर्माण की घोषणा की है।

मुख्यमंत्री ने पत्रकारों को बताया कि मैने केंद्रीय कोयला मंत्री से कहा कि रायल्टी क्यूं नहीं बढ़ा रहे,  हमारा तो नुकसान ही नुकसान है। हमारे पास डीएवीपी खाद की कमी है, लेकिन हमारी निर्भरता रासायनिक खाद से कम हो रही है, हम खुद खाद बना रहे हैं। राज्य सरकार इनपुट सब्सिडी में कोई कमी नहीं करेगी, आगे भी ये जारी रहेगा। भारत सरकार जितना एमएसपी बढ़ाएगी उतना ही किसानों को लाभ होगा। पत्थलगांव में गाडि?ों के फिटनेस के लिए कैंप खुलेगा ताकि ट्रांसपोर्टरों को बार-बार जशपुर ना जाना पड़े।

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