रोजगार पंजीयन के अभाव में पुलिस भर्ती से वंचित करने पर हाईकोर्ट में चुनौती
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जबलपुर
मध्य प्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा (MP Police constable recruitment exam 2022) को लेकर नई अपडेट सामने आई है। फिजिकल टेस्ट के बाद अब रोजगार कार्यालय में पंजीयन के अभाव में पुलिस भर्ती से वंचित करने पर मधय प्रदेश हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। हाईकोर्ट ने याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया, लेकिन किसी भी प्रकार का स्थगन अथवा अंतरिम आदेश जारी नहीं किया गया है।
दरअसल, जबलपुर में छठवीं वाहिनी, रांझी में दूसरे चरण की परीक्षा चल रही है। यह याचिका जबलपुर निवासी अभिषेक पटेल सहित अन्य उम्मीदवारों ने लगाई है। इसमें राेजगार कार्यालय में पंजीयन के अभाव में पुलिस भर्ती प्रक्रिया के दूसरे चरण से वंचित किए जाने को चुनौती दी गई है।याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने हाईकोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट के स्पष्ट दिशा-निर्देश के बावजूद पुलिस आरक्षक भर्ती प्रकिया में मनमानी जारी है।
इतना ही नहीं जो उम्मीदवार लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण हो चुके हैं, उनके दस्तावेज़ सत्यापन के दौरान रोजगार पंजीयन नवीनीकरण ना होने पर बाहर कर दिया गया है, जबकी कुछ जिलों में अंडरटेकिंग लेकर शारीरिक परीक्षण में शामिल भी किया जा रहा है।
वही सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट ने अपने पूर्व न्यायदृष्टांतों में साफ किया था कि महज रोजगार कार्यालय का पंजीयन नवीनीकृत न होने के कारण परीक्षा से वंचित नहीं किया जा सकता। अधिवक्ता ने इन्ही बातों को आधार बनाकर उम्मीदवारों को राहत देने की मांग की है, ताकी उनका भविष्य खराब ना हो। हाई कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई आगामी सप्ताह में तय की है।