छत्तीसगढ़रायपुर

नवीन शिक्षा सत्र में बच्चों की नियमित उपस्थिति पर विशेष जोर

रायपुर
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा नवीन शिक्षा सत्र में बच्चों की उपस्थिति पर विशेष जोर दिया गया है। इस संबंध में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं, जिसमें कहा गया है कि कोरोना लॉकडाउन की वजह से बच्चों की शाला में नियमित उपस्थिति की आदत में बदलाव हुआ है। ऐसी स्थिति में आगामी शिक्षा सत्र में बच्चों की नियमित उपस्थिति के लिए विशेष प्रयास किए जाएं।

नवीन शिक्षा सत्र में सभी स्कूलों में कुछ दिनों विशेषकर अवकाश के दौरान उनके आसपास के विभिन्न व्यवसायों से परिचित करवाने कहा गया है। इसके लिए ऐसे आवश्यक एवं उपयोगी कौशलों के विकास के लिए स्थानीय कुशल कामगारों के साथ बच्चों को मिलवाया जाएगा। बस्ताविहीन शाला दिवसों का आयोजन कर बच्चों को विभिन्न उपयोगी कौशल सीखने के समुचित अवसर दिए जाएंगे।

स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा निर्देशित किया गया है कि शाला प्रबंधन समिति के माध्यम से समुदाय की बैठक लेकर उन्हें अपने बच्चों को नियमित शाला में भेजे जाने के लिए प्रेरित करें और नियमित उपस्थित से उनके सीखने में होने वाले नुकसान से अवगत करवाएं। नियमित शत-प्रतिशत उपस्थिति वाले बच्चों की पहचान कर प्रतिमाह ऐसे बच्चों का चिन्हांकन कर उन्हें पुरस्कृत करने की दिशा में कार्य किया जाए। अनियमित उपस्थिति वाले विद्यार्थियों के घरों में अन्य विद्यार्थियों को भेजकर कारणों का पता लगाने और पालकों को सूचित कर बच्चों को नियमित स्कूल भेजे जाने की आवश्यक व्यवस्थाएं की जाए। समय-समय पर ऐसे पालकों से संपर्क कर उन्हें अपने बच्चों को नियमित भेजे जाने के लिए मिलकर प्रेरित करें।

प्रधानाध्यापक इस बात पर विशेष ध्यान दें कि कोई भी कक्षा खाली न जाए। लगातार कक्षाएं नहीं होने की वजह से बच्चे धीरे-धीरे स्कूल आना छोड़ देते हैं। शिक्षक भी कक्षा में नियमित रूप से उपस्थित रहें और अपनी कक्षाओं को रोचक एवं व्यावहारिक तरीके से संचालित करने का प्रयास करें। पालकों को इस बात के लिए सहमत करवाया जाए कि वे प्रतिदिन अपने बच्चों से उस दिन शाला में क्या सीखा आदि के बारे में चर्चा कर जानकारी ले। प्रति सप्ताह सीखे गये पाठों के आधार पर नियमित टेस्ट लेना सुनिश्चित करते हुए टेस्ट में सभी विद्यार्थियों की उपस्थिति को अनिवार्य करें।

निकटस्थ आंगनबाड़ी में उचित आयु वर्ग के बच्चों को दर्ज करने में सहयोग देते हुए आंगनबाड़ी दीदी को बच्चों की नियमित उपस्थिति, शाला के लिए तैयारी एवं बच्चों को सीखने में सहयोग हेतु आवश्यक व्यवस्थाएं की जाएं।

Related Articles

Back to top button