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बढ़ती गर्मी के बीच चारधाम यात्रा में आई कमी

ऋषिकेश
इस वर्ष चारधाम यात्रा एक माह तक बेहतर परिणाम देने वाले रही। लेकिन, अब मौसम का परिवर्तन यात्रा पर भी असर डालता नजर आ रहा है। बीते एक सप्ताह से मौसम का पारा चढ़ा हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप यात्रा में कमी आई है। स्थिति यह है कि बसें उपलब्ध होने के बावजूद कि पर्याप्त संख्या में यात्री उपलब्ध नहीं हो पा रहे। दो वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते चारधाम यात्रा प्रभावित रही। इस वर्ष तीन मई को चारधाम यात्रा शुरू हुई। मौसम भी ने पूरा साथ दिया, जिससे शुरुआत में ही यात्रा ने गति पकड़ ली थी। स्थिति यह हो गई कि दो सप्ताह बीतने के बाद ही ऋषिकेश में बसों का टोटा होने लगा। ऐसे में प्रशासन को न केवल बाहर से बस मंगानी पड़ीं, बल्कि लोकल रूट पर संचालित बसों में भी कटौती करनी पड़ी।

अब मौसम का पारा चढ़ते ही यात्रा में उतारा आने लगा है। बीते एक सप्ताह में ऋषिकेश से विभिन्न धामों के लिए जाने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या में खासी कमी दर्ज की गई है। जब यात्रा चरम पर थी तो बसों की कमी महसूस की गई। वर्तमान में परिवहन निगम के पास पर्याप्त संख्या में बस उपलब्ध हैं। विभिन्न परिवहन कंपनियों के अलावा परिवहन निगम भी अपनी सेवाएं दे रहा है। शुरुआत में तीर्थ यात्रियों की अपार भीड़ के कारण बस टर्मिनल कंपाउंड ही नहीं, धर्मशाला व आश्रम भी गुलजार नजर आ रहे थे। व्यवस्था बनाने के लिए प्रशासन को यहां के वेडिंग प्वाइंट और विद्यालयों का अधिग्रहण तक करना पड़ा। वर्तमान में सभी जगह तीर्थ यात्रियों की कमी महसूस की जा रही है।

यात्रा बस अड्डे पर प्रतिदिन 50 खाली बसें तीर्थ यात्रियों का इंतजार करती नजर आती हैं। अधिसंख्य बसों को लोकल रूट पर लगा दिया गया है। यात्रा में आई इस कमी का बड़ा कारण मौसम में आए बदलाव को माना जा रहा है। जब यात्रा चरम पर थी तो तापमान 36 डिग्री सेल्सियस था, पिछले एक सप्ताह से वह 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास चल रहा है। महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, केरल, बंगाल आदि प्रांतों से तीर्थ यात्रियों अभी यहां नहीं पहुंचे हैं। मौसम के मिजाज में नरमी आने पर इन प्रांतों के तीर्थ यात्रियों यहां का रुख कर सकते हैं।

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