मध्य प्रदेशराज्य

रेलवे की लापरवाही भोपाल आना था पार्सल , पहुंचा अहमदाबाद

 भोपाल
 रेलवे के कर्मचारी ही रेलवे की साख को किस तरह बट्टा लगा रहे हैं, इसका एक उदाहरण भोपाल में सामने आया। राजधानी के युवा स्टार्टअप कारोबारी प्रतीक शर्मा ने मुजफ्फरपुर के किसान कृष्ण गोपाल सिंह से 205 किलो लीची मंगवाई। जिसे ट्रेन संख्या 19484 बरौनी-अहमदाबाद एक्सप्रेस से पार्सल के जरिए सात जून को भेजा गया। आठ जून रात साढ़े आठ बजे ट्रेन रानी कमलापति स्टेशन पहुंची लेकिन पार्सल कर्मचारियों ने उतारी नहीं। नतीजतन लीची ट्रेन के साथ अंतिम स्टेशन अहमदाबाद पहुंचकर सड़ गई। हद तो तब हो गई कि रेलवे के अधिकारी लीची गायब होने की दो दिन तक जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं थे।

 

जब कारोबारी ने मामले की शिकायत रेलमंत्री को की, तब तीसरे दिन 10 जून को जानकारी दी कि लीची अहमदाबाद स्टेशन के पार्सल कार्यालय में रखी है। पूरे मामले में कारोबारी को परेशानी के अलावा नुकसान तो झेलना ही पड़ा, साथ ही कर्मचारियों की लापरवाही से साख खराब होने के अलावा भरपाई के रूप में रेलवे को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ेगा। कारोबारी को इससे 25 हजार रुपये का नुकसान हुआ है, जिसके लिए अब वह रेलवे पर दावा की तैयारी कर रहे हैं। प्रतीक शर्मा के मुताबिक भोपाल में मुजफ्फरपुर की लीची खासी पसंद की जाती है। चूंकि इस फल को ज्यादा दिन नहीं रखा जा सकता है इसलिए थोड़ी-थोड़ी मात्रा में ट्रेन के जरिए लगातार बुलवाते हैं। हमेशा की तरह इस बार भी रानी कमलापति स्टेशन के वाणिज्य विभाग को लीची आने की जानकारी बिल्टी की प्रतिलिपि के साथ पहले से दे दी गई थी। आठ जून को ट्रेन के स्टेशन से रवाना होने के बाद रात नौ बजे के करीब विभागीय कर्मचारी का फोन आया कि ट्रेन में एक पार्सल बोगी अहमदाबाद के लिए सील थी। दूसरी में दो बाइक थीं, जिन्हें उतार लिया गया। बोगी में लीची नहीं थी। अधिकारियों का कहना था कि अहमदाबाद की पार्सल बोगी में 541 बक्से थे और ट्रेन का ठहराव केवल पांच मिनट के लिए था। इतने कम समय में बोगी खोलकर 15 बाक्से खोजना मुश्किल था।

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