मध्य प्रदेशराज्य

साईकिल वितरण टेंडर में देरी ,नवंबर तक मिलेंगी स्टूडेंट्स को साइकिल

भोपाल
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीण बच्चों, विशेषकर बालिकाओं के लिए स्कूल आवागमन के लिए निशुल्क साइकिल वितरण का कार्य वर्षों से किया जा रहा था,जो गड़बड़ाए बजट के कारण रुका है . मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा शासकीय विद्यालयों में शिक्षा अर्जित करने वाले  बालक बालिकाओं को प्रोत्साहित करने के लिए वर्षों से नि:शुल्क साइकिल वितरण किया जाता रहा है.

इस योजना के अंतर्गत स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा निम्न मध्यमवर्गीय तथा गरीब बालक बालिकाओं को विद्यालय आवागमन हेतु साइकिल का निशुल्क वितरण किया जाता है. जिसके द्वारा बच्चे आसानी से अपने गंतव्य स्कूलों तक पहुंच जाते हैं.लेकिन इस बार हालात कुछ विपरीत नजर आ रहे हैं.मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में लगभग छह लाख विद्यार्थी अब ऐसे होंगे जो स्कूल खुलने पर भी साइकिल से स्कूल नहीं जा सकेंगे. क्योंकि अभी साइकिलों का वितरण संभव नहीं हो पाएगा.

हाल ही में हुआ है टेंडर
मिली जानकारी के अनुसार विभाग द्वारा साईकिल वितरण के लिए जो टेंडर किया जाता था वह भी हाल ही में संपन्न हुआ है इसलिए संपूर्ण प्रक्रिया होते होते अगस्त आने की संभावना है. इसके बाद साइकिले आएंगी और कब उसका वितरण होगा, यह सवाल लोगों के जहन में तैर रहा है.इससे खासतौर से बच्चों को विशेष परेशानी होने वाली है जो बारिश में कुछ किलोमीटर का सफर तय कर अपने स्कूल पहुंचते हैं.

अधिकारियों ने बताया कि इस बार बजट गड़बड़ा जाने के कारण टेंडर में थोड़ी देरी हुई है. सामान्य तौर पर बालिकाओं को जो साइकिल दी जाती है वह लगभग 3500 के आसपास आती है .लेकिन महंगाई के चलते इस बार साइकिल  की कीमत 4000 से अधिक हो गई इसलिए 200 करोड़ के बजट में हमें कार्य करना है क्योंकि रेट बढ़ने की वजह से बजट थोड़ा सा गड़बड़ हो गया. अब टेंडर हो चुका है सभी लीगल कार्य जल्दी समाप्त कर शीघ्रता से साइकिलों के वितरण का प्रयास किया जाएगा .

2-3 महीने लगेंगे?
इसके अलावा उपसचिव स्कूल शिक्षा विभाग पीके सिंह ने कहा कि  अभी टेंडर निकाले गए हैं इसके कोटेशन आएंगे रेट लिए जाएंगे. तीन महीने इनका वितरण शुरु होगा.3000 की साइकिल पड़ी थी इस बार रेट बढ़ने की सभावना है. वहीं सूत्रों का कहना है इस काम को पूरा होने में कम से कम 2 से 3 महीने लगेंगे. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि बच्चों को साइकिल अक्टूबर-नवंबर से पहले उपलब्ध होने की गुंजाइश है.

 

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