मध्य प्रदेशराज्य

मध्य प्रदेश के पुलिस भर्ती में अग्नि वीरों को प्राथमिकता- सीएम शिवराज

भोपाल
 देशभर में अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme) के तहत अग्नि वीरों (fire fighters)  की नियुक्ति पर केंद्र सरकार ने बड़ी घोषणा की है। दरअसल इस साल 46000 से अधिक अग्निवीरों (agniveer) की नियुक्ति की जाएगी। इस भर्ती प्रक्रिया (recruitment process) में शामिल होने के साथ ही युवाओं को सशस्त्र बलों में सेवा करने का अवसर प्रदान किया जाएगा। इसी बीच अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj) ने मध्य प्रदेश की पुलिस भर्ती (MP Police Recruitment) में बड़े ऐलान कर दिए हैं। सीएम शिवराज ने कहा है कि मध्य प्रदेश के पुलिस भर्ती में अग्नि वीरों को प्राथमिकता दी जाएगी। ऐसे में अब उम्मीदवारों जो अग्निवीर की भर्ती में शामिल होंगे। उन्हें मध्य प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा में बड़ा लाभ मिल सकता है

।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भारतीय सेना देश का गौरव है और देशवासियों का अभिमान है। भारतीय सेना के जवान हमारे हीरो हैं, रोल मॉडल हैं। युवाओं को भारतीय सेना से जोड़ने, देश की सीमाओं की सुरक्षा करने और भारत माता की एकता और अखण्डता की रक्षा करने के लिए आज अग्निपथ योजना प्रारंभ की गई है। ऐसे जवान जो अग्निपथ योजना में सेवाएँ दे चुके होंगे, उन्हें मध्यप्रदेश पुलिस की भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी।

सीएम शिवराज ने कहा कि अग्निपथ योजना जवानों को सेना से जोड़ने की अद्भुत योजना है। इस योजना को शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हृदय से धन्यवाद देता हूँ। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भी बधाई देता हूँ। इस सेवा से न केवल हम भारत माता की सीमाओं की रक्षा करेंगे, बल्कि 45 हजार युवाओं को देश की सेवा के साथ रोजगार भी मिलेगा।

सीएम शिवराज ने युवाओं से आह्वान किया कि वे देश सेवा के लिए आगे आये। परीक्षा दें, सफल हों और देश की सीमाओं की सुरक्षा करें। अपने जीवन को सफल और सार्थक करें। ऐसे जवान जो अग्निपथ योजना में सेना में भर्ती होकर चार साल सेवा दे चुके होंगे, उनको अग्निवीर कहा जाएगा।

बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज (14 जून) रक्षा बलों में सैनिकों की भर्ती के लिए टूर ऑफ ड्यूटी या ‘अग्निपथ’ योजना की घोषणा की। घोषणा के बाद जारी एक बयान में रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि इस साल 46,000 ‘अग्निवीर’ की भर्ती की जाएगी।

सिंह ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करना और युवाओं को सशस्त्र बलों में सेवा करने का अवसर प्रदान करना है। योजना के तहत रंगरूटों को “अग्निवर” के रूप में जाना जाएगा। अपनी चार साल की सेवा पूरी करने के बाद, वे सशस्त्र बलों में नियमित रोजगार के लिए आवेदन कर सकते हैं। अन्य सरकारी विभागों में विभिन्न नौकरियों के लिए उन्हें दूसरों पर प्राथमिकता दी जा सकती है।

सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि इस कदम से सशस्त्र बलों के कर्मियों की औसत आयु मौजूदा 32 वर्ष से घटकर 24-26 वर्ष होने की उम्मीद है। तीनों सेवाओं में नामांकन एक केंद्रीकृत ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से होगा, जिसमें औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों जैसे मान्यता प्राप्त तकनीकी संस्थानों में विशेष रैलियों और कैंपस साक्षात्कार और राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क तैयार किया जायेगा।

  •     अग्निवीरों” को जोखिम और कठिनाई और लागू होने वाले अन्य भत्तों के अलावा पहले वर्ष में ₹4.76 लाख का वार्षिक पैकेज और चौथे वर्ष में ₹6.92 लाख का वार्षिक पैकेज प्राप्त होगा।
  •     “सेवा निधि” पैकेज (जो आयकर से मुक्त है) के तहत उन्हें सेवा पूरी होने पर योगदान और ब्याज सहित लगभग 11.71 लाख प्राप्त होंगे।
  •     भर्तियों को सरकार द्वारा किए गए समान योगदान के साथ सेवा निधि में अपनी मासिक परिलब्धियों का 30% योगदान करना होगा।
  •     इस योजना के तहत ग्रेच्युटी और पेंशन लाभ का कोई अधिकार नहीं होगा। हालांकि, “अग्निवरों” को उनकी सेवा के दौरान ₹48 लाख का गैर-अंशदायी जीवन बीमा कवर प्रदान किया जाएगा।
  •     चार साल की सेवा पूरी होने पर संगठनात्मक आवश्यकताओं और सशस्त्र बलों की मौजूदा नीतियों के आधार पर, “अग्निवीरों” स्थायी नामांकन के लिए आवेदन करने में सक्षम होंगे।
  •     लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने कहा प्रत्येक बैच के 25% तक नियमित कैडर के रूप में नामांकित किया जाएगा, और चयनित लोगों को 15 साल की न्यूनतम अवधि के लिए सेवा करने की आवश्यकता होगी।
  •     मौजूदा मानदंडों के अनुसार चिकित्सा और शारीरिक फिटनेस मानकों के साथ 17.5 से 21 वर्ष तक की पात्रता आयु के साथ ‘अखिल भारतीय सभी वर्ग’ के आधार पर भर्ती की जाएगी। आवश्यक शैक्षणिक योग्यता कक्षा 10-12 होगी।
  •     सेवा के कारण मृत्यु के मामले में 1 करोड़ से अधिक के अलावा, जिसमें “सेवा निधि” पैकेज शामिल होगा, सेवा न की गई अवधि के लिए पूरा वेतन दिया जाएगा।
  •     सेवा के कारण विकलांगता के मामले में विकलांगता के प्रतिशत के आधार पर 44 लाख तक का प्रावधान किया गया है, जिसमें लागू अवधि के लिए ब्याज सहित “सेवा निधि” सहित पूरी तरह से भुगतान नहीं किया गया है।

 

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