दुनिया

ताइवान में हो रहे स्‍थानीय निकाय चुनाव, चीन का चिढ़ना तय, बढ़ेगा तनाव

ताइपे 
ताइवान के कदम से चीन फिर से चिढ़ सकता है। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि ताइवान में आज स्‍थानीय निकाय के लिए मतदान हो रहा है। इस चुनाव के नतीजे भी आज ही आज जाएंगे। चीन के लिए ताइवान की तरफ से उठाया गया ये बेहद कड़ा कदम माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि ताइवान के इस कदम से राष्‍ट्रपति त्‍वाई वेन चीन समेत पूरी दुनिया को साफ संकेत दे रही हैं। ताइवान में आज के चुनाव से मेयर, कांउटी हैड और पार्षद चुने जा रहे हैं। हालांकि ये चुनाव पूरी तरह से घरेलू मुद्दों पर आधिारित हैं और इनका चीन से कोई संबंध नहीं हैं, लेकिन चीन के लिए ये उसका अंदरूणी मामला नहीं है। ताइवान के सेंट्रल इलेक्‍शन कमीशन के मुताबिक इस चुनाव में करीब 2 करोड़ वोटर्स हिस्‍सा लेंगे। इनमें करीब 7.60 लाख मतदाता पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेगे। 
 
स्‍थानीय निकाय का 
ताइवान में इससे पहले वर्ष 2018 में स्‍थानीय निकाय के चुनाव हुए थे। उस वक्‍त इसमें ताइवान की प्रमुख विपक्षी पार्टी कुओमिंतांग केएमटी ने जीत हासिल की थी। तब इस पार्टी ने त्‍साई पर चीन के साथ संबंधों को अधिक तनावपूर्ण बनाने का आरोप लगाया था। केएमटी का कहना है कि वो चीन से मधुर संबंध चाहती है। हालांकि, वो खुद को चीन का सपोर्टर नहीं मानती है। केएमटी का कहना है कि चीन से बेहतर संबंध ताइवान के ही पक्ष में हैं। ताइपे टाइम्‍स के मुताबिक इस चुनाव में वोट खरीदने के आरोप भी लग रहे हैं। इस मामले में पुलिस ने कुछ आरोपियों को हिरासत में भी लिया है। 
 
राष्‍ट्रपति त्‍साई का बयान 
स्‍थानीय निकाय चुनाव पर त्‍साई ने कहा है कि इस चुनाव के जरिए वो दुनिया को दिखा देना चाहता है कि उनका देश चीन से कैसे अपने लोकतंत्र की रक्षा कर रहा है। ताइवान के स्‍थानीय निकाय के चुनाव चीन की कम्‍यूनिस्‍ट पार्टी की बैठक और इसमें शी चिनफिंग को लगातार तीसरी बार राष्‍ट्रपति चुने जाने के एक माह बाद हो रहे हैं। वर्ष 2024 में ताइवान में राष्‍ट्रपति और संसद के लिए चुनाव होंगे।
 
चीन ताइवान को नहीं मानता अंतरराष्‍ट्रीय मुद्दा 
बता दें कि चीन ताइवान पर अपना दावा करता है। चीन का कहना है कि ताइवान का कोई भी मुद्दा उसका घरेलू या अंतरराष्‍ट्रीय नहीं है। ये पूरी तरह से चीन का मुद्दा है। इसमें किसी भी बाहरी ताकत को दखल करने का कोई हक नहीं है। कुछ समय पहले अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्‍यक्ष नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे से चीन इस कदर भड़क गया था कि उसने करीब एक माह तक ताइवान की घराबंदी कर लाइव फायर ड्रिल की थी। चीन का मकसद इस ड्रिल के जरिए ताइवान को डराना और ये बताना था कि वो क्‍या कुछ कर सकता है। चीन के राष्‍ट्रपति शी चिनफिंग ये साफ कर चुके हैं कि वो किसी भी सूरत से ताइवान को चीन की प्रमुख भूमि से अलग नहीं होने देंगे।

Related Articles

Back to top button