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Budget 2023: सीतारमण ने प्री-बजट बैठक में राज्यों के वित्त मंत्रियों से साथ की बैठक, किन मुद्दों पर हुई चर्चा 

 नई दिल्ली 
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश के सभी राज्यों के वित्त मंत्री के साथ प्री-बजट बैठक की। दिल्ली में शुक्रवार को हुई इस बैठक में निर्मला सीतारमण ने राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ बजट कैसा होना चाहिए, इसपर सलाह लिया और चर्चा की। इस प्री-बजट बैठक में कुछ राज्यों ने माल और सेवा कर (जीएसटी) मुआवजे के पांच साल के विस्तार और बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए ज्यादा फंड की मांग की। वहीं कई अन्य राज्यों ने लोगों ने सामाजिक विकास के लिए अतिरिक्त संसाधनों की मांग की। 

वित्त मंत्रालय ने राज्यों के सभी सुझावों और मुद्दों को नोट कर लिया है। प्री-बजट बैठक केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में शुक्रवार को नई दिल्ली में हुई। इस बैठक में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी और भागवत कराड, केंद्रीय वित्त मंत्रालय के विभिन्न विभागों के सचिव, मुख्य आर्थिक सलाहकार अनंत नागेश्वरन समेत वित्त मंत्रालय से जुड़े कई अहम लोगों ने हिस्सा लिया था। 

हालांकि जीएसटी मुआवजे को बढ़ाने पर विचार करने के लिए केंद्रीय बजट सही जगह नहीं है। इसका फैसला तो जीएसटी परिषद ही कर सकती है। हिन्दुस्तान टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक इस मामले से अवगत दो व्यक्तियों ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा, केंद्रीय वित्त मंत्री जीएसटी परिषद के अध्यक्ष होते हैं, जिसका प्रतिनिधित्व राज्यों द्वारा अपने संबंधित एफएम के माध्यम से किया जाता है। 

बता दें कि "कानूनी तौर पर, जीएसटी मुआवजा उपकर 30 जून 2022 को खत्म हो गया है। राज्यों को जीएसटी मुआवजा अधिनियम, 2017 के मुताबिक, संक्रमण की अवधि 1 जुलाई, 2017 से 30 जून तक 2022 के दौरान राज्यों की राजस्व वृद्धि 14% प्रति वर्ष की गारंटी थी। जबकि राज्यों के पास 1 जुलाई, 2022 से मुआवजे का कोई दावा नहीं है, आर्थिक गतिविधियों में मंदी के कारण 2020 और 2021 में मुआवजा उपकर गिरने पर राज्यों को जारी बैक-टू-बैक लोन सर्विस दी ज रही है।
 

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