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शुरू होगा एक नया युद्ध? ईरान के साथ बढ़ी टेंशन तो अमेरिका ने किया इजरायल के खुले समर्थन का ऐलान

 वॉशिंगटन 

रूस और यूक्रेन के बीच फरवरी से युद्ध जारी है। रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि एक नया युद्ध भी छिड़ सकता है। अमेरिका और इजरायल का ईरान के साथ होने वाला टकराव इसकी वजह माना जा रहा है। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने रविवार को कहा कि नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ मतभेदों के बावजूद अमेरिका, इज़राइल का समर्थन करने से पीछे नहीं हटेगा। लेफ्ट समर्थित एक समूह से बात करते हुए ब्लिंकन ने कहा कि कुछ दक्षिणपंथियों ने फिलिस्तीनियों और ईरान के प्रति अधिक सहानुभूति रखने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, ‘अमेरिका, इज़राइल का एक पक्का मित्र बना रहेगा…भले ही हम उन मुद्दों को हल करना चाहते हैं जिनका नेतन्याहू ने विरोध किया है, जैसे इज़राइल-फिलिस्तीनी संघर्ष का समाधान और ठप पड़े 2015 के ईरान परमाणु समझौते की बहाली।’

उन्होंने कहा, ‘हमारे देशों और दुनियाभर के लोगों के हुई अमेरिका-इज़राइल साझेदारी और अन्य हर एक पहल के वास्ते अमेरिका हमेशा इज़राइल की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहेगा। यह एक ऐसी प्रतिबद्धता है जो आज से पहले कभी इतनी दृढ़ नहीं थी।’ ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन का प्रशासन नेतन्याहू की सरकार के साथ उनकी नीतियों के आधार पर बातचीत करेगा, व्यक्तिगत आधार पर नहीं। बता दें कि अमेरिका शुरू से ही इजरायल का समर्थन करता रहा है। वहीं दोनों देशों के बीच दुश्मन का दुश्मन दोस्त वाली भी बात है। 

दरअसल ईरान और इजरायल कट्टर दुश्मन हैं। अमेरिका और ईरान के बीच की दुश्मनी भी किसी सी छिपी नहीं है। ऐसे में अमेरिका हर पहलू पर इजरायल का साथ देता है। बात करें रूस और यूक्रेन के युद्ध की तो इसमें भी गुटबंदी हो गई है। एक तरफ ईरान रूस की मदद कर रहा है और घातक ड्रोन उपलब्ध करवा रहा है। तो दूसरी तरफ इजरायल यूक्रेन को इन ड्रोन से निपटने के उपकरण मुहैया करवा रहा है। इजरायल ने कहा है कि वह ईरान के हथियारों से टक्कर लेना अच्छी तरह से जानता है। 

क्यों हो सकता है युद्ध?
इस टकराव के मुख्य तीन कारण हो सकते हैं। पहला है परमाणु डील पर विफलता। दूसरा कारण है रूस की सेना को ईरानी ड्रोन की सप्लाई। इसका उपयोग करके रूस लगातार यूक्रेन पर हमला कर रहा है। तीसरा कारण हिजाब को लेकर ईरानी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन। इस आंदोलन में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। वहीं ईरान इस आंदोलन के लिए भी अमेरिका को जिम्मेदार ठहरा रहा है।   

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