मध्य प्रदेशराज्य

घायल बाघिन टी 9 का रेस्क्यू , क्लच वायर के दर्द से मिली राहत

भोपाल

बीते एक महीने से क्लच वायर का दर्द लिए जंगल में भटक रही कान्हा टाइगर रिजर्व की बाघिन टी 9 को अब इससे पूरी तरह राहत मिल गई है। इतना ही नहीं उसकी सेहत में सुधार देखा जा रहा है। दवा के बाद अब क्लच वायर से बना घाव भरने लगा है। गौरतलब है कि कान्हा टाइगर रिजर्व के अंतर्गत परिक्षेत्र भैसानघाट के बीट पोंगापानी में एक दिन पहले ही घायल बाघिन टी 9 का रेस्क्यू किया गया था। जिसकी उम्र लगभग 12-13 वर्ष है। एक महीने पहले इसके गले में क्लच वायर का फंदा लगने के कारण घाव हो गया था।

मुक्की रेस्क्यू सेंटर में किया शिफ्ट
लंबे समय तक पकड में न आने के बाद बाघिन को पकडने के लिए 2 फरवरी को को बीट पांगापानी में पिंजरा लगा कर रेस्क्यू का प्रयास किया गया। इसके बाद 5 फरवरी को बाघिन (टी-9) पकड़ी गई। मौके पर बाघिन को बेहोशकर तार का फंदा काटा गया एवं गले के घाव को सफाई कर दवाई लगाई गई। बाघिन को आगे भी उपचार की आवश्यकता को देखते हुये मुक्की रेस्क्यू सेंटर में स्थानांतरित किया गया है।

एक महीने पुराना घाव
संचालक एसके सिंह के अनुसार एक महीने पहले 6 जनवरी को पहली बार बाघिन टी 9 को घायल अवस्था में देखा गया था। इसके बाद इसके रेस्क्यू के लिए परिक्षेत्र भैसानघाट, मुक्की एवं गढ़ी के वनक्षेत्रों में तभी से लगातार प्रयास किया जा रहा था। रेस्क्यू आॅपरेशन के लिये तीन विभागीय हाथी एवं 50-60 लोगों का दल लगाया गया था। बाघिन के लगातार चलायमान होने से इसकी निश्चित उपस्थिति नहीं मिल पा रही थी। लगभग 5000 हेक्ट. क्षेत्र में इसका घूमना था।

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