उत्तर प्रदेशराज्य

डॉक्टरों की कमी से यूपी में बढ़ा मरीजों का दबाव; अलीगढ़ टॉप, मेरठ, लखनऊ, गोरखपुर का ऐसा है हाल

 गोरखपुर

सरकारी अस्पतालों में एक तरफ डॉक्टरों की कमी बनी हुई है और वहीं दूसरी ओर मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इससे सरकारी चिकित्सालयों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। प्रदेश में एक डॉक्टर प्रति माह औसतन 639 मरीज देख रहे हैं। अलीगढ़ मंडल के डॉक्टरों पर मरीजों का दबाव सबसे अधिक है। प्रति माह एक डॉक्टर औसतन 974 मरीजों का इलाज कर रहे हैं। बरेली मंडल का प्रदेश में 6वां स्थान है।

जिला अस्पताल से लेकर सीएचसी तक, मरीजों की भीड़ साल-दर-साल बढ़ रही है। वहीं चिकित्सक खासकर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों का संकट गहराता जा रहा है। इससे डॉक्टरों पर मरीजों का दबाव बढ़ रहा है। मंडलीय चिकित्सालयों की तुलना में छोटे जनपदों के जिला अस्पतालों में यह समस्या अधिक है। मंडल की बात करें तो अलीगढ़ मंडल में एक डॉक्टर प्रति माह औसतन 974 मरीज देख रहे हैं जो प्रदेश में सबसे अधिक है। दूसरे नंबर पर मेरठ मंडल का नंबर है जहां औसत 897 मरीज एक डॉक्टर प्रति माह देख रहे है। तीसरे नंबर पर सहारनपुर मंडल, चौथे नंबर पर मुरादाबाद मंडल है।
 
मरीजों की संख्या के हिसाब से बरेली मंडल सूची में 6वें स्थान पर है। यहां हर माह एक डॉक्टर औसतन 750 मरीजों का इलाज कर रहे हैं। मंडल में शाहजहांपुर जिले में डॉक्टरों पर मरीजों का दबाव सबसे अधिक है। यहां एक डॉक्टर औसतन 1212 मरीज हर माह देख रहे हैं। बरेली में 688, बदायूं में 676 और पीलीभीत का औसत 473 है।

डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने की कवायद मरीजों के बढ़ते दबाव को देखते हुए शासन स्तर से सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने की कवायद की जा रही है। बीते दिनों स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के लिए आनलाइन आवेदन भी मांगे गए थे। इसके साथ ही जिन जिलों में मरीजों की औसत संख्या कम है, उन जिलों से अधिक दबाव वाले जनपदों में डॉक्टरों का तबादला करने पर भी विचार किया जा रहा है।

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