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कांग्रेस और टीएमसी ने यूजीसी के ‘सेल्फी पॉइंट’ निर्देश को लेकर केंद्र की आलोचना की

नईदिल्ली

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी UGC ने सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से कहा है कि वह अपने-अपने यहां एक सेल्फी प्वाइंट बनाएं जिसके बैकग्राउंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर हो। UGC का यह अनुरोध ऐसे समय में आया है जब अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं।

इसे लेकर UGC सचिव मनीश जोशी की ओर से जारी एक पत्र में कहा गया है कि ये सेल्फी प्वाइंट युवाओं के बीच विभिन्न क्षेत्रों में भारत की उपलब्धियों के बारे में जागरूक करेंगे। इससे उनमें सामूहिक गर्व की भावना विकसित होगी। यह पत्र सभी विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलरों और कॉलेजों के प्रिंसिपलों को शुक्रवार को भेजा गया था।

पत्र में कहा गया है, ‘हमारे देश ने जो अविश्वसनीय प्रगति की है खास उसका जश्न मनाने और उसका प्रसार करने के लिए आपके संस्थानों में एक सेल्फी प्वाइंट स्थापित करें। इसका उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में भारत की उपलब्धियों खासकर नई शिक्षा नीति 2020 के तहत की गई नई पहलों को लेकर युवाओं को जागरूक करना है।’

तस्वीरें खिंचवाने के लिए प्रोत्साहित करें

इस पत्र में आगे कहा गया है कि आपसे अनुरोध किया जाता है कि छात्रों और संस्थान में आने वाले लोगों को इन प्वाइंट्स पर तस्वीरें खींचने और सोशल मीडिया पर साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। इससे सामूहिक गर्व की भावना विकसित हो सके।

बता दें कि यूजीसी ने इन सेल्फी प्वाइंट्स के लिए विभिन्न डिजाइनों और थीम का सुझाव भी दिया है। इन थीम्स में शिक्षा का अंतरराष्ट्रीयकरण, एकता में अनेकता, स्मार्ट इंडिया हैकथॉन और उच्च शिक्षा, रिसर्च व इनोवेशन में भारत का बढ़ता कद आदि शामिल हैं।

यह भी कहा गया है कि सभी सेल्फी प्वाइंट परिसर में ऐसी जगह स्थापित किए जाएं जहां लोग आसानी से पहुंच सकें और इनका लेआउट थ्रीडी होना चाहिए।

सार्वजनिक संस्थानों का गलत इस्तेमाल?

हालांकि कई शिक्षाविद यूजीसी के इस पत्र को राजनीति से प्रेरित बता रहे हैं। एक शीर्ष शिक्षण संस्थान के फैकल्टी सदस्य का कहना है कि सरकार अपनी हर आम उपलब्धि को बढ़ा-चढ़ा कर दिखा रही है। सार्वजनिक संस्थानों का इस्तेमाल एक व्यक्ति की छवि बनाने के लिए किया जा रहा है जिनका ऐसी गतिविधियों से कोई लेना देना नहीं है।

 

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