त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव और नगरीय निकाय चुनावों में राज्य निर्वाचन आयोग के पास ज्यादा शिकायतें तबादलों के लिए

भोपाल
प्रदेश में हो रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव और नगरीय निकाय चुनावों में राज्य निर्वाचन आयोग के पास अब तक 770 से अधिक शिकायतें पहुंच चुकी है। इनमें सर्वाधिक शिकायतें चुनाव कार्य में लगे अमले के तबादले को लेकर है।
राज्य निर्वाचन आयोग की शिकायत सेल के पास अब तक जो शिकायतें पहुंची है उनमें भिंड-मुरैना, भोपाल, ग्वालियर, शिवपुरी, सतना, रीवा, छतरपुर, टीकमगढ़ जिलों से सर्वाधिक शिकायतें पहुंची है। इनमें हर जिले से दो दर्जन से अधिक शिकायते राज्य स्तर पर पहुंची है। राज्य निर्वाचन आयोग के पास जो शिकायतें आ रही है उनमें मतदाता सूची से नाम हटाने, नाम निर्देशन पत्र जानबूझकर निरस्त किए जाने, पदों के आरक्षण में गड़बड़ियों और जिला और जनपद, निकाय स्तर पर पदस्थ चुनावी अमले के द्वारा भेदभाव करने, एक पक्ष के उम्मीदवार को मदद करने, रिश्तेदारों के चुनाव मैदान में होंने के कारण उन्हें उस स्थान से अन्यत्र स्थानांतरित करने को लेकर है।
मतदाता सूची से जानबूझकर नाम हटाए जाने और कई घरों में फर्जी रुप से मतदाताओं के नाम काफी संख्या में जोड़े जाने को लेकर भी शिकायत हो रही है। कई मतदाताओं ने उनके नाम मतदाता सूची में शामिल नहीं किए जाने की शिकायत की है। राज्य निर्वाचन आयोग जिला स्तर पर कलेक्टर के माध्यम से इन शिकायतों की जांच कराकर शिकायत सही पाए जाने पर संबंधित अधिकारी को अन्यत्र पदस्थ किए जाने या उनसे चुनाव संबंधी कार्य नहीं कराने के निर्देश भी दे रहा है।
अनुमति देने में भेदभाव का आरोप
ज्यादातर उम्मीदवार और उनके क्षेत्रीय समर्थक दूसरे उम्मीदवारों से जुड़े अधिकारियों की शिकायत कर रहे है। उनका कहना है कि विभिन्न अनुमतियां देने में अफसर भेदभाव कर रहे है। संबंधित अफसर के पदस्थ रहने से उम्मीदवार और उसके समर्थक का चुनाव प्रभावित हो सकता है। इसलिए इनका तबादला किया जाए। कई जगह एक ही स्थान पर लंबे समय से जमे अफसरों को हटाने और पार्टी विशेष से जुड़ाव की शिकायत करते हुए उन्हें हटाने की मांग की जा रही है।