निकाय चुनाव: नामांकन के अंतिम दिन बीजेपी-कांग्रेस सहीत प्रदेशभर के कलेक्टर कार्यालयों तक नेताओं का जमावड़ा

भोपाल
निकाय चुनाव के लिए नामांकन के अंतिम दिन बीजेपी-कांग्रेस के पार्टी कार्यालयों से लेकर प्रदेशभर के कलेक्टर कार्यालयों तक नेताओं का जमावड़ा रहा। पार्टियों की ओर से बगावत की आशंका को देखते हुए अंतिम क्षणों तक टालने और बहलाने की रणनीति अपनाई गई। लेकिन नामांकन का समय खत्म होते देख पार्टियों ने पार्षदों की धड़ाधड़ सूचियां जारी कीं, टिकट मिलने वालों ने खुशी-खुशी नामांकन दाखिल किया तो असंतुष्टों ने बगावत करते हुए निर्दलीय पर्चे दाखिल किए। भाजपा में विधायकों, सांसदों, संभागीय समिति और जिलों की कोर कमेटी की हठ के चलते नगर निगमों के वार्ड पार्षद के उम्मीदवारों की सूची कई जिलों में समय पर जारी नहीं हो सकी। भोपाल में नामांकन दाखिले के अंतिम दिन करीब प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया गया। उधर टिकट वितरण की स्थिति साफ नहीं होने और दावेदारों में असंतोष के चलते प्रदेश भर में नगर निगम, नगरपालिका और नगर पंचायतों में हजारों पार्षद पद के दावेदारों ने टिकट नहीं मिलने के बाद भी नामांकन दाखिल किया है। ऐसे में जिलों और संभागीय समितियों की हठ के चलते बनी स्थिति को नियंत्रित करने प्रदेश संगठन की ओर से तैनात वरिष्ठ नेता शनिवार शाम से बगैर टिकट परचा भरने वाले दावेदारों को तलाश कर उन्हें समझाईश देने का काम करेंगे। दूसरी ओर विदिशा नगर पालिका में अनारक्षित सीटों पर आरक्षित कोटे के टिकट दिए जाने के विरोध में बीजेपी की कई महिला नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है और संगठन पर आरोप लगाया है कि विदिशा का भाजपा संगठन दो लोगों के अधिकार में सीमित होकर रह गया है, जिसमें बिल्डरों की सुनवाई हो रही है। इधर, देवास में टिकट न मिलने से नाराज भाजपा कार्यकर्ताओं ने कार्यालय में जमकर हंगामा किया। भोजराज सिंह जादोन ने टिकट न मिलने पर अपने ऊपर कैरोसिन डाल लिया।
भाजपा : कई शहरों में महापौर के लिए बगावत
सतना नगर निगम में भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी योगेश ताम्रकार के खिलाफ पूर्व जिला उपाध्यक्ष मनसुख पटेल ने शुक्रवार को नामांकन भरा है। इसी तरह सिंगरौली नगर निगम से भाजपा के अधिकृत प्रत्याशाी चंद्रप्रताप विश्वकर्मा के विरुद्ध इंद्रेश पांडेय चुनाव लड़ रहे हैं। इंद्रेश ने कल ही बीजेपी छोड़कर आम आदमी पार्टी ज्वाइन की है और आज नामांकन भर रहे हैं। सतना में कांग्रेस प्रत्याशी के विरोध में पूर्व मंत्री सईद अहमद बगावत कर बसपा से चुनाव लड़ रहे हैं। इसके अलावा यहां आधा दर्जन वरिष्ठ कांग्रेसी बसपा में शामिल हो गए हैं।
भोपाल से लेकर छिंदवाड़ा, सिंगरौली तक नाराजगी
पार्षद उम्मीदवारों के ऐलान के बाद टिकट नहीं मिलने वालों की नाराजगी सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक पर दिखाई दे रही है। महापौर उम्मीदवार में भी नाराजगी कई जगहों पर दिखाई दी। छिंदवाड़ा में भी महापौर प्रत्याशी के नाम को लेकर नाराजगी थी, जिसमें पीसीसी चीफ कमलनाथ को सीधा दखल देना पड़ा। इसके बाद पार्षदों के टिकट घोषित होते ही प्रदेश के बाकी हिस्सों में विरोधी तेज हो गया। भोपाल और उज्जैन में सबसे ज्यादा विरोध देखने को मिल रहा है। यहां पर कई लोग पार्टी छोड़ने की धमकी दे रहे है। वहीं उज्जैन में शहर कांग्रेस के व्हाट्सएप ग्रुप में महापौर उम्मीदवार का पुतला जलाने तक की धमकी दी जा रही है। रतलाम, सिंगरौली, खंडवा में भी यही स्थिति है। पार्टी में बंटे टिकटों से नाराज कई दावेदार आज भी नामांकन भरने की तैयारी में हैं।