सेल्फ फायनेंस की फीस पूरी और कोर्स किया आधा, दूसरे वर्ष का सिलेबस गायब

नई शिक्षा नीति से पशोपेश में विद्यार्थी और प्रोफेसर
भोपाल
नई शिक्षा नीति के लागू करने उच्च शिक्षा विभाग पूरी कोशिश कर रहा है। इसमें विद्यार्थियों को कोर्स की फीस पूरी देना होगी, लेकिन पढाई आधी ही करना होगी। इससे प्रोफेसर और विद्यार्थी पशोपश में बने हुये हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि नई शिक्षा नीति से उन्हें फायदा हो रहा है या ठगा जा रहा है। सेल्फ फायनेंस कोर्स का दूसरे वर्ष का सिलेबस ही विभाग पर अपलोड नहीं किया गया।
प्रदेश के 512 सरकारी कालेजों में गत वर्ष बीकाम के प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों का दूसरे वर्ष का सिलेबस जारी कर दिया गया है। प्रथम वर्ष में विद्यार्थियों को व्यावहारिक अर्थशास्त्र, अधिकोषण एवं बीाम, व्यावहारिक गणित, विक्रय संवर्धन, आशुलिपि के मूल सिद्धांत को अपने कोर्स में पढना होता है। इसके बाद वे बीकाम कम्प्यूटर एप्लीकेशन या आफिस मेजेमेंट या फिर ट्रेवल्स एंउ टूरिज्म लेते हैं, तो उन्हें दो-दो पेपर अतिरिक्त पढने होते थे। इसके लिये उन्हें सेल्फ फायनेंस के तहत अच्छी फीस कालेजों में जमा करना होती है।
नई शिक्षा नीति में बीकाम प्रथम वर्ष में कम्प्यूटर एप्लीकेशन लेने वाले विद्यार्थी को डेटा प्रोसेसिंग साफ्टवेयर ही पढना पडा है। वहीं बीकाम आफिस मेनेजमेंट में विद्यार्थियों ने कार्यालय संगठन एंव प्रबंधन तथा ट्रेवल्स एंड टूरिज्म में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों ने भारत में पर्यटन उत्पादन का पेपर पढा है। उन्हें सिर्फ एक-एक पेपर ही दिया गया है। जबकि पुरानी शिक्षा नीति में उन्हें दो-दो पेपर अनिवार्य थे। विभाग ने द्वितीय वर्ष में विद्यार्थी व्यावहारिक अर्थशास्त्र, निगमीय विधि, वित्तीय बाजार परिचालन प्रबंध के सिद्धांत, विज्ञापन विक्रय संवर्धन एवं प्रबंधन पढेंगे, जिसका सिलेबस विभाग ने अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है।
विभाग ने अभी तक सेल्फ फायनेंस का एक भी पेपर वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया है। इससे विद्यार्थी परेशान हैं। क्योंकि उन्होंने सेल्फ फायनेंस कोर्स की गत वर्ष पूरी फीस जमा की और विभाग ने उन्हें सिर्फ एक ही पेपर पढने को दिया है। यहां तक विवि एक-एक ही पेपर कराकर उन्हें मार्कशीट देगा। द्वितीय वर्ष की प्रवेश प्रक्रिया प्रथम वर्ष का रिजल्ट आने के बाद शुरू कर दी जाएगी, लेकिन विभाग ने अभी तक सेल्फ फायनेंस कोर्स को वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया है। इससे विद्यार्थी परेशान होना जरुर हो गये हैं। वहीं प्रोफेसर भी इंतजार में हैं कि नई शिक्षा नीति में विभाग उन्हें कालेजों में विद्यार्थियों को कौनसा सिलेबस पढाने के लिये देगा।