राजधानी में शुक्रवार को सवा 3 इंच बारिश ,तवा डैम का जलस्तर 5 फीट बढ़ा

भोपाल
भोपाल में ढाई घंटे में सवा तीन इंच पानी गिरा। कई जगह पेड़ गिर गए। सड़कों पर जलभराव की स्थिति बनीं। निचले इलाकों की कॉलोनियों में पानी भर गया। बारिश के कारण न्यू मार्केट में बनीं नई सड़क उखड़ गई। यह सीजन में पहली बार है, जब एक दिन में सबसे ज्यादा पानी गिरा है।
प्रदेश में मानसून की बारिश के हालात देखें तो 24 घंटे में शुक्रवार दोपहर तक नर्मदापुरम में 5.5 इंच, बैतूल में 5 इंच, देवास व सीहोर में 4.5-4.5 इंच, उज्जैन, अशोकनगर, मंदसौर में 3-3 इंच पानी गिर चुका था। नर्मदापुरम के तवा डैम मे 30 घंटे में 5 फीट पानी बढ़ा। इसके अलावा बैतूल के सतपुड़ा डैम से भी पानी छोड़ने के कारण जलस्तर बढ़ा। हालांकि शुक्रवार को मौसम साफ है।
भोपाल शहर में शुक्रवार को सवा 3 इंच बारिश हुई। विदिशा के कुरवाई में 2 इंच, रीवा के मऊगंज में 1 इंच, सीधी के रामपुर करीब 1.5 इंच, उमरिया, अनूपपुर, सतना, रायसेन, शिवपुरी, अशोकनगर, खण्डवा, सतना, धार, गुना, नर्मदापुरम, बैतूल, सागर, उज्जैन, जबलपुर और छिंदवाड़ा में भी शुक्रवार शाम तक बारिश हुई।
मौसम विभाग के मुताबिक जुलाई के शुरुआती पांच दिन अब इसी तरह कहीं-कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश होती रहेगी। जून में सामान्य से भी कम बारिश हुई है। ऐसा ही मानसून सक्रिय रहा तो जुलाई में जून का भी कोटा पूरा हो सकता है।
मौसम विभाग को बारिश का कोटा कम करना पड़ा
लगातार जून में बारिश कम होने के कारण मध्यप्रदेश पर इसका असर पड़ा है। 1960 से 2010 तक जून में करीब 5 इंच को सामान्य बारिश माना जाता था। बीते 10 साल के बदले ट्रेंड के कारण अब यह सवा चार इंच पर आ गई है। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश ने बताया कि जून में बीते 10 साल से करीब 11 % बारिश कम होने लगी है। पिछले 60 वर्षों की तुलना में वर्ष 2010 से जून के महीने में औसत बारिश में कमी आई है। मध्यप्रदेश में 2017 के बाद सामान्य बारिश का कोटा करीब सवा चार इंच तय किया गया है। इस साल जून में अब तक इसके करीब ही बारिश हुई है।