NIA को चाहिए जेल पहाड़ी पर भवन, दफ्तर में न सुरक्षा के इंतजाम की गुंजाइश न लॉकअप

भोपाल
भोपाल में नेशनल इंवेटिगेशन एजेंसी (एनआईए ) के दफ्तर में सुरक्षा के इंतजाम करने की गुंजाइश है और न ही उनके पास आतंकियों और अपराधियों को रखने के लिए लॉकअप हैं। इसके बाद भी इस दफ्तर से काम काज शुरू हो गया है। जिस जगह और जिस बिल्डिंग में दफ्तर खोला गया है, वहा एरिया सुरक्षा के लिहाजा से महफूज नहीं माना जा रहा है। अब एनआईए के आला अफसर दूसरी बिल्डिंग दिये जाने का प्रयास पुलिस मुख्यालय और राज्य शासन के स्तर पर करेंगे।
सूत्रों की मानी जाए तो एनआईए को जो भवन दिया गया है वह उसके अफसरों को सुरक्षा के लिहाजा से महफूज नहीं लग रहा है। एनआईए ने भोपाल में दो भवनों को भी देखा है। जिला जेल के सामने जल निगम के कार्यालय वाली बिल्डिंग हैं। इस बिल्डिंग का अधिकांश हिस्सा खाली हैं और इसमें सुरक्षा बल तैनात करने के लिए पर्याप्त स्थान भी हैं। वहीं एक और भवन पुलिस का ही उन्होंने देखा हैं, जो श्यामला हिल्स पर हैं। इसमें लॉकअप और शस्त्रागर भी बना हुआ है। जल्द ही एनआईए के आला अफसर इस संबंध में डीजीपी सुधीर सक्सेना और मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस से मुलाकात कर दूसरा भवन दिए जाने की अपनी बात रख सकते हैं।
इनकी जांच करने की मिलेगी जिम्मेदारी
भोपाल और विदिशा से पकड़े गए आतंकी संगठन जमता उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के मामले की जांच एनआईए की भोपाल यूनिट को मिलेगी। जेएमबी के तार भोपाल से लेकर नार्थ ईस्ट के तक राज्यों से जुड़े हुए हैं। अभी एनआईए की दूसरी यूनिट इस मामले की जांच कर रही है। वहीं रतलाम के सुफा संगठन के राजस्थान में पकड़ाए आतंकियों की भी जांच इस यूनिट को मिलेगी।
इसलिए उठ रहे सुरक्षा सवाल
जहांगीराबाद में एनआईए को रेल पुलिस अधीक्षक का कार्यालय वाले भवन (पुराना सीआईडी कार्यालय) में जगह दी गई है। इस बिल्डिंग की दूसरी मंजिल पर एक हॉल और दो कमरे में एनआईए ने अपना आॅफिस शुरू कर दिया है। इस भवन में एनआईए दफ्तर की सुरक्षा पर सवाल उठ गए हैं। दरअसल इस बिल्डिंग के आने-जाने का मुख्य रास्ता भीड़ भरा रहता हैं। एनआईए के दफ्तर तक पहुंचने के लिए छोटी सी गेलरी हैं, जिस पर महज तीन फीट ऊंची रेलिंग लगी हुई है। रेलिंग के सामने बड़ा सा मैदान हैं। इस मैदान में जहांगीराबाद के लोग अपनी कार पार्क करते हैं। कुछ लोग यहां पर खेलते भी रहते हैं। इस मैदान के बाजू में एक स्कूल भी है।
सुरक्षाकर्मी होते हैं तैनात, नहीं आ सकता कोई अंजान व्यक्ति
एनआईए के जिन-जिन शहरों में दफ्तर हैं, वहां पर दफ्तर के चारो ओर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था रहती है। एनआईए के सशस्त्र गार्ड दिन रात यहां पर मौजूद रहते हैं। किसी भी अंजान व्यक्ति को दफ्तर के अंदर आने से पहले उसकी पूरी जांच और पड़ताल की जाती है। इस भवन में पहली मंजिल पर एसपी रेल का दफ्तर हैं, जहां पर सिविल ड्रेस में ही पुलिसकर्मी आते रहते हैं, ऐसे में एनआईए के भवन में किसी को भी आने से रोका नहीं जा सकता है। वहीं यहां पर सुरक्षाकर्मियों को तैनात करने की जगह ही नहीं हैं। वहीं जो कमरे दिए गए हैं, उन आतंकियों या अपराधियों को हिरासत में रखने के लिए लॉकअप नहीं हैं, शस्त्र रखने का भी यहां पर कोई स्थान नही हैं। वहीं एनआईए दफ्तर के सामने दूसरी मंजिल पर जो रैलिंग हैं वहां से भी हादसा होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है।