राजस्व विभाग ने दिए किसानों को निर्देश, जियो फेंस के जरिये खेत में खड़े होकर भेजे रिपोर्ट

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भोपाल
प्रदेश में चालू वित्त वर्ष में किसानों के खेत में खड़ी फसल के उत्पादन के बाद उसके समर्थन मूल्य पर खरीद, फसल बीमा और फसल ऋण का जिम्मा सरकार ने किसानों पर ही डाल दिया है। इसके लिए किसानों से कहा गया है कि 15 अगस्त तक वे अपने खेतों में खड़े होकर जियो फेंस के जरिये खुद गिरदावरी रिपोर्ट भेजें। इसके लिए सीएलआर ने सभी कलेक्टरों को निर्देश भी जारी कर दिए हैं।

सीएलआर के निर्देश में कहा गया है कि खरीफ 2022 से सैटेलाईट इमेज/एआई डाटा आधारित गिरदावरी का कार्य प्रारंभ हो रहा है। इससे किसानों को सही गिरदावरी प्राप्त हो सकेगी एवं ई-उपार्जन, फसल बीमा, फसल ऋण आदि सेवाएं उन्हें अपनी रिपोर्ट के आधार पर मिल सकेंगी। निर्देश में कहा गया है कि गिरदावरी कार्य में फसल की खसरा नंबरवार जानकारी एमपीसीईडीसी द्वारा 31 जुलाई तक उपलब्ध कराई जाएगी। इसके बाद सेटेलाईट इमेज/एआई के आधार पर एप के माध्यम से गिरदावरी की जाएगी। एमपी किसान एप के माध्यम से फसल स्व घोषणा की जानकारी दर्ज करेंगे। इसमें किसान को स्वयं खेत में उपस्थित होकर फसल की जानकारी जियो फेंस तकनीक अनुसार दर्ज करना होगी। यह सेटेलाईट इमेज गिरदावरी एवं एमपी किसान एप के माध्यम से सीधे सर्वर पर अपडेट होगी। यदि किसान द्वारा दर्ज जानकारी एवं सेटेलाईट इमेज/एआई के आधार पर की गई गिरदावरी में गलती होगी तो उन सर्वे नम्बर की जानकारी ग्राउंड टूथिंग के लिए पटवारी को सारा एप में उपलब्ध कराई जाएगी।

ग्राउंड ट्रुथिंग 31 अगस्त तक होगी
ग्राउंड टूथिंग के लिए पटवारियों को दिए गए सर्वे नंबर एवं किसान द्वारा गिरदावरी से शेष सर्वे नंबर की गिरदावरी पटवारियों द्वारा जियो फेंस तकनीक के आधार पर 31 अगस्त तक की जाएगी। इसके बाद किसानों द्वारा फसल गिरदावरी के संबंध में आपत्ति 5 सितम्बर तक की जा सकेगी। 10 सितम्बर तक प्राप्त आपत्तियों का निराकरण संबंधित तहसीलदार/नायब तहसीलदार द्वारा सारा पोर्टल के माध्यम से एवं प्राप्त आपत्ति की लोकेशन तथा फसल के फोटो का अवलोकन कर आवश्यक जांच उपरांत किया जा सकेगा। इसके बाद डाटा लॉक हो जाएगा।

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