12वीं के बाद आप बन सकते हैं साइबर सिक्यूरिटी एक्सपर्ट्स

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बैंकिंग खातों और सरकारी निजी पोर्टल्स की सेंधमारी से आगे बढ़ते हुए हैकर्स अब सोशल मीडिया को भी निशाना बनाने लगे हैं। इजराइली कंपनी एनएसओ के स्पाईवेयर पेगासस के जरिए भारत के 1400 से ज्यादा लोगों के वाट्सएप की जासूसी का खुलासा होने के बाद यह मामला एक बार फिर गरमा गया है। ऑनलाइन ठगी करने वालों से आजकल आम आदमी और कारोबारी से लेकर सरकारें तक परेशान हैं।

वॉट्सएप के जरिए जासूसी किए जाने की इन दिनों दुनिया भर में चर्चा है। माना जा रहा है कि स्पाईवेयर पेगासस से करीब 20 देशों के लोग जासूसी के शिकार हुए हैं। इसी तरह, अभी कुछ माह पहले ही अमेरिका में एक बड़ी डेटा सेंधमारी की घटना सामने आई। 33 वर्षीय एक महिला हैकर पेज थॉम्पसन ने अमेरिका की क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली कंपनी कैपिटल वन के सर्वर को हैक करके करीब 10 करोड़ यूजर्स का डाटा चुरा लिया था। वैसे, ऐसी घटनाएं अब आम बात हैं।

रोज ही अपने आसपास साइबर फ्रॉड की घटनाएं देखने-सुनने को मिल रही हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में भी साइबर हमले लगातार बढ़ रहे हैं। स्मार्टफोन और इंटरनेट पर निर्भरता बढ़ने से भारत में कोई भी ऐसा दिन नहीं गुजरता, जब किसी न किसी तरीके से सैकड़ों लोगों के खातों से साइबर हमले के जरिए लाखों की रकम नहीं निकाली जाती हो। हैकर्स द्वारा आए दिन ऑनलाइन नुकसान पहुंचाने की घटनाओं को देखते हुए आजकल सभी कंपनियों के आइटी विभाग में साइबर सिक्युरिटी एक्सपट्र्स की भारी जरूरत देखी जा रही है।

बढ़ रही सर्विलांस इकोनॉमी: ऑनलाइन फ्रॉड यानी इंटरनेट के जरिए होने वाला फ्रॉड। जो लोग इस तरह के फ्रॉड को अंजाम देते हैं, उन्हें हैकर्स या साइबर क्रिमिनल्स कहा जाता है। हैकर अपराधी किस्म के एक अति कुशल कंप्यूटर प्रोफेशनल होते हैं, जो अपने ट्रिक्स और तकनीकी ज्ञान के जरिए किसी दूसरे कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल यूजर के डाटा सिक्युरिटी में बिना उसकी जानकारी के सेंध लगाकर नुकसान पहुंचाते हैं, जानकारियां चोरी करते हैं या फिर कोई अन्य साइबर अपराध करते हैं।

हाल फिलहाल के वर्षों में बढ़ते साइबर अपराध की इन घटनाओं से निपटने के लिए वाइट हैट प्रोफेशनल्स यानी एथिकल हैकर्स की काफी डिमांड देखी जा रही है, जो हैकिंग और इसके खतरों को अच्छी तरह समझते हैं। ये लोग हैकिंग के सारे दांवपेच जानने के कारण साइबर के खतरों का मुकाबला करने में काफी कुशल होते हैं। इसके अलावा, हैकिंग के अंदेशों को भांपते हुए सर्वर की सिक्युरिटी सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी भी इन्हीं पर होती है। इस फील्ड में संभावनाएं बहुत हैं, क्योंकि भारत सहित दुनियाभर में सर्विलांस इकोनॉमी बढ़ रही है।

कंपनियों के अलावा हर सरकार साइबर डिफेंस को गंभीरता से ले रही है, अपनी क्षमताएं बढ़ा रही है। साइबर क्षेत्र के स्टार्टअप्स में निवेश किया जा रहा है। सीईआरटी-इन नाम से इसके लिए देश में बकायदा एक सरकारी एजेंसी भी है, जो साइबर सिक्युरिटी के लिए काम करती है। इसके अलावा, गृह मंत्रालय के अपने फोरेंसिक लैब्स हैं। साथ ही, फेस रिकग्निशन से लेकर स्पाईवेयर सॉफ्टवेयर्स की इन दिनों काफी डिमांड है। जाहिर है इस फील्ड में प्राइवेट सेक्टर के साथ-साथ सरकारी सेक्टर में भी कुशल साइबर सिक्युरिटी एक्सपट्र्स के लिए काफी मौके हैं।

कोर्स एवं योग्यता: एथिकल हैकिंग या साइबर सिक्युरिटी का कोर्स आप 12वीं के बाद कर सकते हैं। देश के कई संस्थानों में यह कोर्स संचालित हो रहे हैं। ये कोर्स छह माह से लेकर एक साल की अवधि के हैं। इसी फील्ड में एडवांस कोर्स भी कर सकते हैं।

जॉब्स के अवसर: साइबर सिक्युरिटी प्रोफेशनल्स की इन दिनों सबसे ज्यादा मांग आइटी कंपनियों और आइटी विभागों में है। खास तौर से आइटी सिक्युरिटी सर्टिफिकेशन सेवा देने वाली कंपनियों और आइटी फम्र्स में ऐसे प्रोफेशनल्स की काफी डिमांड देखी जा रही है। इसके अलावा, बैंक, टेलीकॉम कंपनीज, जांच एजेंसीज सहित विभिन्न प्रतिष्ठानों में भी आजकल साइबर एक्सपर्ट की सेवाएं ली जा रही हैं। पेटीएम, भीम जैसी डिजिटल पेमेंट तकनीक को सुरक्षित करने के लिए भी इन्हीं प्रोफेशनल्स की मदद ली जा रही है। इस फील्ड में अपना स्टार्टअप या कंसल्टेंसी सर्विस शुरू करके भी अच्छा पैसा कमाया जा सकता है।

खुद को पहचानें: साइबर एक्सपर्ट बनने के लिए कंप्यूटर का समुचित नॉलेज होना सबसे ज्यादा जरूरी है। इसके लिए कंप्यूटर के कंपोनेंट्स से लेकर इसके कॉन्फिगरेशन और वर्किंग मेथड के बारे में जानना जरूरी होता है, क्योंकि कंप्यूटर के बेसिक्स के बारे में अच्छी समझ से ही आप एक अच्छे एथिकल हैकर बन सकते हैं।

लाखों में कमाई: साइबर सिक्युरिटी एक्सपर्ट लाखों में कमाई करते हैं। इन्हें शुरुआत में ही 30 से 40 हजार रुपये तक की सैलरी आसानी से मिलती है, जो अनुभव व विशेषज्ञता के आधार पर लाखों तक हो सकती है।

 

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