मध्य प्रदेश में समर्थन मूल्य पर ज्वार, बाजरा की खरीदी आज से, 15 हजार से अधिक किसानों ने कराया पंजीयन, आधार नंबर से लिंक बैंक खाते में आएगा पैसा

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भोपाल

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के किसानों के लिए अच्छी और बड़ी खुशखबरी सामने आई है. पूरे प्रदेश में ज्वार और बाजरा की समर्थन मूल्य (Jwar and Bajra MSP) पर खरीदी शुरू हो गई है. 22 नवंबर से शुरू हुई खरीदी 20 दिसंबर तक की जाएगी. इसके लिए प्रदेश सरकार ने खास तैयारियां की हैं. तय रेट के अनुसार, ज्वार मालदण्डी को 3421 रुपये, ज्वार हाईब्रिड को 3371 रुपये और बाजरा को 2625 रुपये समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा. बता दें कि पूरे प्रदेश से  बाजरा के लिये 9 हजार 854 और ज्वार के लिये 5 हजार 933 किसानों ने पंजीयन कराया है.

ज्वार और बाजरा के MSP पर खरीदी के लिए राज्य स्तर पर एक कंट्रोल-रूम भी स्थापित किया गया है. इसका टेलीफोन नंबर 0755-2551471 है. किसान अपनी किसी भी तरह की परेशानी के लिए इस नंबर पर संपर्क कर सकते हैं.

भुगतान व्यवस्था

समर्थन मूल्य पर ज्वार और बाजरा की खरीदी के बाद भुगतान, कृषक पंजीयन के दौरान आधार नंबर से लिंक बैंक खाते में किया जाएगा। ज्वार और बाजरा उपार्जन अवधि के दौरान पड़ोसी राज्यों से उपार्जन केंद्र पर लाई जाने वाली उपज की अवैध बिक्री को रोकने के लिए पूरी कार्रवाई के निर्देश कलेक्टरों को दिये गए हैं।

इस दाम पर होगा ज्वार-बाजरा की खरीदी

मध्य प्रदेश में ज्वार और बाजरा की एमएसपी पर खरीदी शुरू हो गई है. सरकार की तय रेट के अनुसार, प्रदेश के किसानों से ज्वार मालदण्डी को 3421 रुपये, ज्वार हाईब्रिड को 3371 रुपये और बाजरा को 2625 रुपये पर खरीदा जाएगा. इसके अलावा, किसानों से एफएक्यू गुणवत्ता की उपज भी इन्हीं दरों पर खरीदी जायेगी. खरीदी हर हफ्ते सोमवार से शुक्रवार तक चलेगी. इस दौरान किसान अपना फसल बेंच सकेंगे. बता दें कि पूरे प्रदेश से ज्वार और बाजरा के लिए कुल 15 हजार से ज्यादा किसानों ने रजिस्ट्री कराई है.

ऐसे किया जाएगा खरीदी का भुगतान  

समर्थन मूल्य पर ज्वार एवं बाजरा की खरीदी के बाद इसके लिए भुगतान ऑनलाइन किया जाएगा. किसानों के कृषक पंजीयन के दौरान आधार नम्बर से लिंक बैंक खाते में ये पैसे भेजे जाएंगे. ज्वार एवं बाजरा उपार्जन अवधि के दौरान पड़ोसी राज्यों से उपार्जन केन्द्र पर लायी जाने वाली उपज की अवैध बिक्री को रोकने के लिये समुचित कार्रवाई के निर्देश कलेक्टर्स को दिये गये हैं. जिला स्तरीय समिति उपार्जन संबंधी सभी विवादों का अंतिम निराकरण और उपार्जित खाद्यान्न की गुणवत्ता की निगरानी करेगी.

 

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