एनसीपी विधायक के समर्थक बैलेट पेपर से करवा रहे थे ‘चुनाव’, ग्राम पंचायत ने इस मतदान को रद्द करने का फैसला किया गया

Spread the love

सोलापुर
महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के मरकावाडी गांव में एनसीपी (SP) विधायक के समर्थन में बैलेट पेपर से रीपोलिंग करवाने की योजना बनाई गई थी। मंगलवार को ही यह चुनाव होना था। हालांकि प्रशासन ने सख्ती बरतते हुए इस मॉक पोल को रोकने के लिए पुलिस बल तैनात कर दिया है। इसके बाद ग्रामीणों ने इस मतदान का प्लान कैंसल कर दिया। बताया गया कि पुलिस ने धमकी दी कि इस प्रक्रिया में भाग लेने वालों के खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा। इसके बाद ग्राम पंचायत की बैठक हुई और इस मतदान को रद्द करने का फैसला किया गया।

मालशिरस सीट के तहत आने वाले इस गांव के लोगों का कहना था कि यहां ज्यादातर महाविकास अघाड़ी के समर्थक रहते हैं, इसके बावजूद चुनाव आयोग के आंकड़ों में महायुति को ज्यादा वोट हासिल हुए। ऐसे में उन्होंने बैलेट पेपर से अनाधिकारिक चुनाव कराने का फैसला कर लिया था। पुलिस प्रशासन ने सख्ती बरतते हुए कुछ ग्रामीणों को पहले ही नोटिस भेजा था। इस सीट पर एनसीपी (SP) प्रत्याशी उत्तम जांकर ने ही जीत दर्ज की है।

जांकर ने कहा, गांव के लोगों से सलाह के बाद हमने फैसला किया है कि कानूनी तरीके से हम ईवीएम के खिलाफ जंग लड़ेंगे क्योंकि पुलिस हमें यह मतदान नहीं करवाने दे रही है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, यह गतिविधि पूरी तरह से गैरकानूनी है और अगर कोई इस तरह मतदान करवाएगा तो उसपर कार्रवाई होगी।

एनसीपी (एसपी) के नवनिर्वाचित विधायक उत्तम जांकर ने ही पहले रीपोलिंग की अपील की थी। इसके बाद जिला प्रशासन ने सख्ती बरती। गांव में पुलि की तैनाती कर दी गई। कुछ गांव के लोगों का कहना था कि गांव में महाविकास अघाड़ी के वोटर ज्यादा हैं लेकिन ईवीएम गलत आंकड़े दिखा रही है। वहीं बीजेपी समर्थकों ने पहले ही कर दिया था कि वे इस मतदान में हिस्सा नहीं लेंगे।

एक ग्रामीण ने कहा, गांव के लोगों ने मॉक रीपोल का प्लान बनाया था। ग्रामीणों का मानना है कि वीवीपैट और ईवीएम मशीन में गड़बड़ी थी। इसीलिए हमने बैलेट पेपर से चुनाव करवाने का फैसला किया था। लेकिन कल सेही 200 से ज्यादा पुलिसकर्मी गांव में आ गए और दबाव देने लगे। 30 लोगों को नोटिस दिया गया कि अगर कल चुनाव हुए तो आपका भविष्य खत्म हो जाएगा और कोर्ट में मुलाकात होगी। 700 लोग के करीब वोटिंग के लिए पहुंच भी गए थे। लेकिन फिर यही निर्णय हुआ कि इसे पोस्टपोन कर दिया जाए और अन्य तरीके से यह लड़ाई लड़ी जाए।

Related Articles

Back to top button