मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने गुब्बारे उड़ाकर किया उद्घाटन, राजस्थान-जयपुर में मकर संक्रांति पर पतंग उत्सव

Spread the love

जयपुर।

मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर जयपुर के जल महल की पाल पर आयोजित पतंग उत्सव ने राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर और पर्यटन को एक नया आयाम दिया। यह आयोजन न केवल पतंगबाजी का जश्न था, बल्कि पारंपरिक कला, संगीत और भोजन का अद्भुत संगम भी रहा।

मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी उपस्थिति में आयोजन का उद्घाटन गुब्बारे उड़ाकर किया।पतंगबाजी के रोमांच ने पूरे आयोजन को विशेष बना दिया। जल महल के आसमान में रंग-बिरंगी पतंगों ने उत्सव के माहौल को जीवंत कर दिया। पतंग बनाने की पारंपरिक कला का लाइव प्रदर्शन भी किया गया, जिसने बच्चों और पर्यटकों को आकर्षित किया।

मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री ने पतंग उड़ाई—
मुख्यमंत्री ने पतंग उड़ाकर मकर संक्रांति के उत्सव में सभी का उत्साहवर्धन किया। वहीं उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी और हवामहल विधायक बालमुकुंद आचार्य ने पतंग उड़ाकर उपस्थित कलाकारों और देशी विदेशी पर्यटकों के साथ पतंग उत्सव मनाया।

मुख्यमंत्री की उपस्थिति ने किया आकर्षित—
उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी की उपस्थिति के साथ ही मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा के कार्यक्रम में शामिल होने से देशी विदेशी पर्यटक और जयपुर राइट्स प्रसन्न दिखाई दिए। सभी के लिए यह पतंग उत्सव विशेष बन गया। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा और उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने पतंग प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।

पतंग उत्सव को और भव्य रूप दिया जाएगा—
उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने घोषणा की कि आने वाले वर्षों में इस उत्सव को और भव्य रूप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि इस तरह के आयोजन राजस्थान को वैश्विक पर्यटन के केंद्र में लाएं। उन्होंने कहा कि जयपुर का यह उत्सव राजस्थान की सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक है और देश-विदेश के पर्यटकों को यहां की समृद्धि से परिचित कराता है। जयपुर का यह पतंग उत्सव न केवल मकर संक्रांति के उत्साह को बढ़ाता है, बल्कि राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर और पर्यटन को भी बढ़ावा देता है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन राज्य की परंपराओं और समृद्धि को विश्व पटल पर प्रस्तुत करने का एक अच्छा अवसर है।

लोक कलाकारों के प्रदर्शन की सराहना—
इस आयोजन में लोक कला और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोह लिया। लंगा गायन, कालबेलिया नृत्य, मयूर नृत्य और भपंग वादन जैसे पारंपरिक प्रदर्शन ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री ने कलाकारों की प्रस्तुतियों की सराहना की वहीं विदेशी पर्यटक इन प्रस्तुतियों से उत्साहित नजर आये। देशी विदेशी पर्यटकों ने कला प्रदर्शन और इस पतंग उत्सव की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह अनुभव उनकी यात्रा को यादगार बना रहा है।

स्थानीय व्यंजनों का स्वाद—
स्थानीय व्यंजनों ने भी इस उत्सव को खास बना दिया। दाल के पकौड़े, तिल के लड्डू, गजक और रेवड़ियों ने लोगों को पारंपरिक स्वाद का आनंद दिलाया।

ऊंट की सवारी—
पतंग उत्सव में देशी विदेशी पर्यटकों ने ऊंट की सवारी का भी आनंद लिया। पर्यटन सचिव रवि जैन, पर्यटन आयुक्त विजयपाल सिंह, और जयपुर जिला कलेक्टर जितेंद्र सोनी, उपनिदेशक पर्यटन उपेन्द्र सिंह शेखावत समेत कई प्रशासनिक अधिकारी भी देशी विदेशी पर्यटक तथा जयपुर निवासी इस अवसर पर उपस्थित रहे।

Related Articles

Back to top button