विकेटकीपर के दस्ताने स्टंप्स से आगे निकल आते हैं तो गेंद को नो बॉल करार दे दिया जाता है ये सजा गेंदबाज को क्यों मिलनी चाहिए

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नई दिल्ली
भारतीय स्पिनर वरुण चक्रवर्ती ने आईसीसी के नियमों के खिलाफ आवाज बुलंद की है। उनका मानना है कि जो गलती विकेटकीपर ने की है, उसकी सजा गेंदबाज को क्यों मिलनी चाहिए। वरुण चक्रवर्ती ने वह मुद्दा उठाया है, जिसमें विकेटकीपर के दस्ताने स्टंप्स से आगे निकल आते हैं तो गेंद को नो बॉल करार दे दिया जाता है। वरुण चक्रवर्ती ने इसी नियम को लेकर अपना पक्ष रखा है और कहा है कि इस तरह के नियमों में बदलाव होना चाहिए।

दरअसल, मामला ये है कि गुरुवार 17 अप्रैल को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए मुंबई इंडियंस वर्सेस सनराइजर्स हैदराबाद मैच के दौरान मुंबई के ओपनर रियान रिकेल्टन को सनराइजर्स हैदराबाद के स्पिनर जीशान मलिंगा ने पैट कमिंस के हाथों कैच आउट करा दिया था। वे पवेलियन लौट चुके थे, लेकिन बाउंड्री के पार जाने के बावजूद चौथे अंपायर ने उनको रोक दिया था, क्योंकि थर्ड अंपायर विकेटकीपर के दस्ताने चेक कर रहे थे।

थर्ड अंपायर ने पाया कि एक समय ऐसा था जब विकेटकीपर हेनरिक क्लासेन के दस्ताने स्टंप्स से आगे निकल आए थे। आईसीसी और आईपीएल के नियमों के मुताबिक, ये गेंद नो बॉल हुई। इस पर वरुण चक्रवर्ती ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, "अगर कीपर के दस्ताने स्टंप के सामने आ जाते हैं, तो यह डेड बॉल होनी चाहिए और कीपर के लिए चेतावनी होनी चाहिए ताकि वह दोबारा ऐसा ना करे! नो बॉल और फ्री हिट नहीं! इसमें गेंदबाज की क्या गलती है? इस पर खूब सोच रहा हूं! आप सब क्या सोचते हैं?"

वरुण चक्रवर्ती ने मुद्दा तो ठीक उठाया है, क्योंकि इसमें गेंदबाज की कोई गलती नहीं है। फिर भी उसके खाते में नो बॉल जोड़ दी जाती है और अगली गेंद फ्री हिट भी मिलती है, जबकि गेंदबाज का इसमें कोई भी दोष नहीं है। भले ही हेनरिक क्लासेन के पास गेंद ना पहुंची हो, लेकिन लॉ 27.3.1 ये कहता है कि जब गेंद प्ले में आती है तो विकेटकीपर को पूरी तरह स्टंप्स के पीछे रहना होगा। क्लासेन से ये गलती हो गए और बल्लेबाज नॉट आउट रहा।

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