आर्थिक संकट के बीच पाकिस्तान का चांद पर पहुंचने का सपना – क्या ये हकीकत बनेगा?

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नई दिल्ली 
आतंकवाद से जूझ रहा और IMF से कर्ज के भरोसे चल रहा पाकिस्तान अब चांद पर जाने के ख्वाब देख रहा है। खबर है कि पाकिस्तान ने साल 2035 तक चांद पर रोवर पहुंचाने की योजना बनाई है। खास बात है कि चांद पर लैंडिंग की उपलब्धि भारत दो साल पहले ही हासिल कर चुका है। जबकि, कहा जाता है कि पाकिस्तान ने भारत की तुलना में करीब 10 साल पहले ही अपना स्पेस प्रोग्राम शुरू कर दिया था।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान के मंत्री एहसान इकबाल ने 2035 तक पाकिस्तान के रोवर को चांद पर भेजने की बात कही है। बीजिंग में चीनी अधिकारियों के साथ बैठक में इकबाल ने पाकिस्तान के स्पेस और न्यूक्लियर प्रोग्राम में कमियों को भरने में चीन पर काफी निर्भर होने के संकेत दिए हैं।

खबर है कि पाकिस्तान के SUPARCO यानी स्पेश एंड अपर एटमॉस्पियर रिसर्च कमीशन को यह मिशन सौंपा गया है। खास बात है कि अब तक SUPARCO ने अपने दम पर और खासतौर से चीन की मदद के बगैर कोई भी अंतरिक्ष मिशन या सैटेलाइट लॉन्च नहीं किया है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन साल 2028 के Chang'e-8 मिशन के तहत चांद पर जाने की तैयारी कर रहा है, जिसमें पाकिस्तान 35 किग्रा के रोवर देने वाला है। चीन इस मिशन के जरिए चांद के साउथ पोल की जानकारी जुटाना चाहता है। खास बात है कि भारत ने साल 2023 में चंद्रयान-3 के जरिए चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग कर कीर्तिमान स्थापित किया था।

रिपोर्ट के अनुसार, SUPARCO पहले ही सरकारी फंडिंग में कमी के चलते काम ठीक से नहीं कर पा रही है। वहीं, यहां नेतृत्व से जुड़े मुद्दे भी शामिल हैं। इसके अलावा पाकिस्तान सैटेलाइट लॉन्च के लिए काफी ज्यादा चीन पर निर्भर है। साथ ही पाकिस्तान में कुछ ही विश्वविद्यालय हैं, जहां अंतरिक्ष संबंधी शिक्षा दी जाती है।

 

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