नई AI तकनीक से PM आवास योजना में धोखाधड़ी पर लगाम, नकली आवेदकों की होगी पहचान

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मुरादाबाद
मुरादाबाद में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लाभार्थियों का चयन अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के जरिए होगा, जहां जिला प्रशासन ने बताया है कि 44533 नए आवेदनों की जांच एआई के माध्यम से होगी। एआई सैटेलाइट इमेजिंग और लोकेशन ट्रैकिंग से यह परखेगी कि पोर्टल पर डाले गए घरों की तस्वीरें असली हैं या नहीं। सभी आवेदनों की सत्यता जांचने के बाद आखिर में एआई ही यह तय करेगा कि किन लोगों को आवास मिलना चाहिए और किन लोगों को नहीं। इस तरह की जांच से योजना में गड़बड़ी की गुंजाइश ना के बराबर रहेगी, साथ ही झूठा दावा करने वालों की छुट्टी हो जाएगी।

एआई का फायदा यह होगा कि अगर किसी ने पक्के मकान में रहते हुए कच्चे मकान की फोटो दिखाकर योजना का लाभ लेने की कोशिश की है, तो यहां एआई तुरंत पकड़ लेगा और उसका आवेदन तुरंत निरस्त कर दिया जाएगा।

पूरी तरह निष्पक्ष होगी जांच
इसको लेकर परियोजना निदेशक, डीआरडीए, निर्मल कुमार द्विवेदी ने बताया कि जांच में कुछ ऐसे भी मामले सामने आए हैं जिनके पास पहले से पक्का मकान है लेकिन योजना का लाभ लेने की कोशिश की जा रही है। उनके मुताबिक ऐसे लोगों को लिस्ट से बाहर कर दिया जाएगा। यह प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल व निष्पक्ष होगी और अंतिम सूची https://awaasplus.nic.in पोर्टल पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराई जाएगी।

तीन चरणों में होगी जांच
एआई की यह जांच तीन चरणों में होगी, जहां पहले चरण में ग्राम स्तर पर बनाई गई टीमें जांच करेंगी। इसमें सहायक विकास अधिकारी, अवर अभियंता और बोरिंग टेक्नीशियन शामिल हैं। इनका काम गांव-गांव जाकर सत्यापन करना है और 31 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट देनी है। दूसरे चरण में ब्लॉक रिपोर्ट के आधार पर जिला स्तरीय अधिकारियों की टीम दस्तावेजों और जमीनी तथ्यों का पुनः मूल्यांकन करेगी। तीसरे और आखिरी स्टेज में एआई तकनीक के जरिए फोटो व लोकेशन मिलान के आधार पर गलत सूचनाएं देने वालों को छांटा जाएगा और असली लाभार्थियों को लिस्ट में जोड़ा जाएगा।

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