कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने छोड़ा विदेश मामलों का विभागाध्यक्ष पद, जानिए कारण

नई दिल्ली
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने पार्टी के विदेश मामलों के विभाग के अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दे दिया है. उन्होंने कहा कि यह कदम विभाग के पुनर्गठन और युवाओं को नेतृत्व का अवसर देने के लिए उठाया गया है.
करीब एक दशक तक इस विभाग की कमान संभालने वाले आनंद शर्मा का कहना है कि “विभाग में संभावनाशील और प्रतिभाशाली युवा नेताओं को शामिल करने से इसके कामकाज में निरंतरता बनी रहेगी.”
पीटीआई के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर अपना इस्तीफ़ा सौंपा और पार्टी नेतृत्व को इस ज़िम्मेदारी के लिए धन्यवाद दिया.
अंतरराष्ट्रीय मामलों में पार्टी का चेहरा रहे हैं आनंद शर्मा
आनंद शर्मा कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) के सदस्य हैं और अंतरराष्ट्रीय मामलों में पार्टी का चेहरा रहे हैं. उन्होंने भारत-अमेरिका परमाणु समझौते, न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप में भारत को छूट दिलाने, और भारत-अफ्रीका साझेदारी को संरचित रूप देने में अहम भूमिका निभाई.
मुंबई 26/11 हमलों के बाद भी उन्होंने वैश्विक मंचों पर भारत का पक्ष मजबूती से रखा. कांग्रेस की ओर से जारी जानकारी के मुताबिक, उनके नेतृत्व में DFA ने दुनिया के तमाम लोकतांत्रिक मूल्यों और मानवाधिकारों को मानने वाली पार्टियों से मजबूत संबंध बनाए.
मनीष तिवारी की पोस्ट
इस दौरान एशिया, अफ्रीका, यूरोप, लैटिन अमेरिका और मिडिल ईस्ट की राजनीतिक पार्टियों के साथ कई अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन और डेलीगेशन एक्सचेंज आयोजित हुए.
मनीष तिवारी ने X पर लिखा- “विदेश मामलों की उनकी समझ गहरी है, खासकर अफ्रीका पर. उनके अनुभव से हमने हमेशा लाभ उठाया है. उन्होंने अपने जीवन के साढ़े पांच दशक कांग्रेस की सेवा में लगाए हैं.”
आनंद शर्मा अब भी कांग्रेस में बने रहेंगे, लेकिन DFA की कमान अब किसी युवा नेता के हाथ में जाएगी. वह ऑपरेशन सिंदूर पर भारत का दृष्टिकोण रखने के लिए विदेश गए बहु-दलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडलों का भी हिस्सा थे.