किडनैपर ने शिमला के बच्चों को 65 किमी दूर छिपाया, पुलिस ने किया रेस्क्यू

करनाल
शिमला में फेमस बिशप कॉटन स्कूल से लापता तीनों बच्चों को बरामद कर लिया गया है। तीनों में एक बच्चा अंगद करनाल के फूसगढ़ का रहने वाला था। अंगद के पिता दलबीर की मौत 3 साल पहले हो चुकी है। दलबीर के भाई पप्पू लाठर करनाल के वार्ड-3 के पार्षद हैं। अंगद पिछले 2 साल से इसी स्कूल में पढ़ रहा है।
रविवार को तीनों बच्चे यहां शिमला के ही कोटखाई के चैथला में मिले। मामले में एक आरोपी को भी गिरफ्तार किया है। आरोपी ने बच्चों के परिजनों को कॉल कर कहा था कि उनके बच्चों को खतरनाक आदमी ने गिरफ्तार किया है। वह उनको बच्चों तक पहुंचा सकता है लेकिन व्यक्ति पैसे मांग रहा था। तीनों बच्चे छठी क्लास के विद्यार्थी हैं।
इनमें एक हिमाचल के कुल्लू, दूसरा पंजाब के मोहाली और तीसरा हरियाणा के करनाल का रहने वाला है। इन बच्चों के नाम अंगद, हितेंद्र और विदांश हैं। पुलिस के मुताबिक ये तीनों रक्षाबंधन के दिन दोपहर आऊटिंग गेट पास लेकर मॉल रोड तक घूमने के लिए गए थे। आऊटिंग गेट पास की सीमा 5 बजे खत्म होने के कई घंटे तक तीनों वापस नहीं लौटे। स्कूल प्रबंधन उन्हें अपने स्तर पर तलाश करता रहा लेकिन कोई कामयाबी नहीं मिली। स्कूल के प्रिंसीपल मैथ्यू पी जॉन ने बच्चों के लापता होने की लिखित शिकायत पुलिस को दी थी। खास सुराग मिलने पर पुलिस टीमों ने कोटखाई में एक घर को चिन्हित किया, वहां से सुबह बच्चों को सुरक्षित बरामद कर लिया।
क्या है पूरी कहानी?
दरअसल, तीनों बच्चे छठवीं क्लास में पढ़ते हैं. ये बच्चे स्कूल से शनिवार को लगभग 12:10 बजे स्कूल से गेट पास लेकर निकले थे. आउटिंग की समय सीमा 5 बजे तक जब वापस नहीं लौटे तो स्कूल में हड़कंप मच गया. सभी छात्र स्कूल के हॉस्टल आ गए, लेकिन तीन छात्र नहीं पहुंचे. तीनों बच्चे कुल्लू, मोहाली और करनाल के रहने वाले हैं. इनमें से एक बच्चा पंजाब के शिक्षा मंत्री का रिश्तेदार बताया जा रहा है.
जब इन बच्चों की गैरमौजूदगी का पता चला तो स्कूल प्रशासन ने तुरंत पुलिस को सूचना दी. स्कूल प्रिंसिपल की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर बच्चों की तलाश शुरू की. कई घंटे की तलाश के बाद पुलिस को सुराग मिल सका. स्कूल प्रिंसिपल ने न्यू शिमला थाने में तीनों छात्रों के अपहरण की शिकायत दर्ज कराई. शिकायत मिलते ही पुलिस ने छात्रों की तलाश शुरू कर दी. पुलिस ने शहरभर के सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू किए.
बता दें कि यह प्राइवेट स्कूल देश के प्रतिष्ठित स्कूलों में से एक है, जहां भारत के अलावा विदेशों से भी बच्चे पढ़ने आते हैं. यह स्कूल साल 1859 में स्थापित किया गया था. देश-विदेश के कई नामी उद्योगपतियों और प्रतिष्ठित परिवारों के बच्चे यहां पढ़ चुके हैं. वर्तमान में भी यहां ज्यादातर छात्र बाहरी राज्यों के हैं.
हरियाणा, पंजाब और हिमाचल के हैं बच्चे
पुलिस ने बताया कि जिन बच्चों का किडनैप हुआ उनके नाम वेदांश भारती, अंगद लाठर और हितेंद्र सिंह हैं। वेदांश हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले का रहने वाला है। वहीं अंगद लाठर हरियाणा के करनाल का और हितेंद्र सिंह पंजाब के मोहाली का रहने वाला है।
परमिशन लेकर बाहर गए थे
पुलिस ने बताया कि शिमला बोर्डिंग स्कूल में वीकेंड पर बच्चों को बाहर जाने की अनुमति होती है। तीनों बच्चे परमिशन के बाद शनिवार दोपहर करीब 12 बजे स्कूल से बाहर घूमने निकले थे। जब शाम पांच बजे तक वे वापस नहीं लौटे तो पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने स्कूल प्रिंसिपल की शिकायत पर न्यू शिमला पुलिस थाने में मामला दर्ज किया। उसके बाद छात्रों की तलाश शुरू की।
अमेरिका से आई कॉल
लापता बच्चों के माता-पिता काफी प्रभावशाली परिवारों से हैं। उन्होंने बताया कि बच्चों के लापता होने के बाद शनिवार शाम को उनके पास एक कॉल आई। यह कॉल अमेरिका के नंबर से आई थी। कॉल करने वाले ने कहा कि उनके बच्चे बहुत खतरनाक लोगों की कैद में हैं। हालांकि, हैरान कर देने वाली है कि कॉल करने वाले ने कोई फिरौती नहीं मांगी। बच्चों के परेशान माता-पिता आनन-फानन में शिमला पहुंचे और पुलिस के साथ लगातार संपर्क में रहे।
सीसीटीवी फुटेज में भी नहीं आए नजर
शिमला के एसपी संजीव कुमार गांधी ने बताया था कि बच्चे स्कूल से लगभग 600 मीटर की दूरी पर गायब हुए। बच्चों को आखिरी बार स्कूल के पास देखा गया था। पुलिस की टीम ने शिमला के कई इलाकों के CCTV फुटेज चेक किए। हैरानी की बात थी कि स्कूल से निकलने के बाद ये बच्चे कहीं नजर नहीं आए। वे मॉल रोड भी नहीं पहुंचे थे।
150 पुलिसवाले, ड्रोन और साइबर टीमें जुटीं
बच्चों को ढूंढने के लिए पुलिस की 150 पुलिसकर्मियों की टीमें लगाई गईं। ड्रोन और साइबर टीमों को भी लगाया गया था। शिमला पुलिस ने पड़ोसी राज्यों की पुलिस को भी अलर्ट किया। बॉर्डर पर सुरक्षा तेज की गई। आखिरकार बच्चों को ढूंढ निकाला गया। पुलिस ने 45 साल के एक सुमित सूद नाम के छात्र को गिरफ्तार किया है।
कमरे में बंद थे छात्र
सूत्रों ने बताया कि हितेंद्र के पिता एक नेता हैं। पुलिस ने बताया कि तीनों छात्रों को शिमला शहर से 58 किलोमीटर दूर कोटखाई में एक इमारत की चौथी मंजिल पर कमरे में कैद करके रखा गया था। पुलिस ने जब यहां छापा मारा तो कमरे से मास्क, रस्सियां और धारदार हथियार मिले।