गुस्से में लिया फैसला… SC के आदेश पर मेनका गांधी की तीखी प्रतिक्रिया

Spread the love

नई दिल्ली 
दिल्ली एनसीआर में आवारा कुत्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की आलोचना करके हुए पशु अधिकार कार्यकर्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने इसे गुस्से में लिया हुआ फैसला बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार के पास इतने सारे कुत्तों को रखने के लिए जगह है ही नहीं। मेनका गांधी ने इस तरह के आदेश को लागू करने के लिए सुविधाओं की कमी की ओर इशारा किया। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि कुत्तों को शिफ्ट करने के लिए सरकार को कम से कम 3000 शेल्टर होम और 1.5 लाख से ज्यादा सफाई कर्मचारियों की जरूरत है।

मेनका गांधी नेदिल्ली में एक भी सरकारी शेल्टर होम नहीं है। आप कितने आश्रय स्थलों में 3 लाख कुत्ते रखेंगे? आपके पास तो एक भी नहीं है। इन शेल्टर को बनाने के लिए आपको कम से कम 15 हजार करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। आपको उन जगहों पर 3000 शेल्टर ढूंढ़ने होंगे जहां कोई नहीं रहता। आप इतनी सारी जगहें कैसे ढूंढ़ेंगे? यह दो महीने में नहीं हो सकता। आपको सिर्फ सफाई कर्मचारियों के तौर पर 1.5 लाख लोगों को नियुक्त करना होगा, जिस पर भी करोड़ों रुपये खर्च होंगे।

उन्होंने कहा, यह कोई कार्य करने योग्य आदेश नहीं है। यह किसी नाराज व्यक्ति द्वारा दिया गया एक बहुत ही अजीब फैसला है। गुस्से में लिए गए फैसले कभी समझदारी भरे नहीं होते। महापौर का कहना है कि वह छह हफ़्तों में यह कर सकते हैं; उन्हें कोशिश करने दीजिए। ऐसा एक भी आश्रय गृह नहीं है जहां वे कुत्तों को रख सकें? दिल्ली के मेयर नेआश्वासन दिया है कि सरकार अस्थायी या स्थायी आश्रयों की व्यवस्था कर सकती है। उन्होंने कहा, हमारे पास आश्रय गृह नहीं हैं, लेकिन हमारे पास 10 चालू नसबंदी केंद्र हैं। हम अस्थायी और स्थायी आश्रय गृह बना सकते हैं। एमसीडी और दिल्ली सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि आवारा कुत्तों के कारण किसी को कोई समस्या न हो।

 

Related Articles

Back to top button