मध्यप्रदेश के जिला अस्पताल हुए हाई-टेक, डिजिटल पोर्टल से मिलेगी बीमारियों की ट्रैकिंग

Spread the love

 भोपाल
 मध्य प्रदेश के जिला अस्पताल अब डिजिटल तकनीक से लैस हो रहे हैं। नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) मध्यप्रदेश ने स्मार्ट पोर्टल (स्टेट मानिटरिंग एंड असेसमेंट आन रियल टाइम पोर्टल) को नए स्वरूप में शुरू किया है। शुरुआत राजधानी के जेपी अस्पताल से हो चुकी है और आने वाले समय में सभी जिला अस्पताल इस प्लेटफार्म से जुड़ेंगे।

स्मार्ट पोर्टल एक डिजिटल प्लेटफार्म है, जिसमें मरीजों की पूरी मेडिकल हिस्ट्री, जांच रिपोर्ट और दवाइयों की जानकारी दर्ज होगी। हर मरीज को यूनिक हेल्थ आईडी (यूएचआईडी) नंबर मिलेगा। इस नंबर के आधार पर डॉक्टर तुरंत मरीज की पिछली रिपोर्ट, बीमारियों और उपचार का पूरा रिकॉर्ड देख सकेंगे। इससे मरीजों को हर बार पुराने पर्चे और कागज लाने की झंझट से छुटकारा मिलेगा।

स्वास्थ्य विभाग को मिलेगा जिलावार डेटा

विशेषज्ञों के अनुसार, पोर्टल से जिलावार बीमारी का डिजिटल डेटाबेस तैयार होगा। किस जिले में कौन-सी बीमारी तेजी से फैल रही है, इसका तुरंत पता लगाया जा सकेगा। कैंसर और हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों से लेकर मानसिक स्वास्थ्य तक का विश्लेषण संभव होगा। इससे सरकार को स्वास्थ्य नीतियां बनाने और योजनाओं की दिशा तय करने में मदद मिलेगी।

पोर्टल को राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों से भी जोड़ा जा रहा है। इसमें गैर-संचारी रोग (एनसीडी), नेशनल ओरल हेल्थ प्रोग्राम (एनओएचपी), नेशनल प्रोग्राम फार हेल्थ केयर आफ द एल्डरली (एनपीएचसीई), नेशनल रेबीज कंट्रोल प्रोग्राम (एनआरसीपी) और नेशनल मेंटल हेल्थ प्रोग्राम (एनएमएचपी) शामिल होंगे। अब इन योजनाओं से जुड़ी जांच, दवाइयों और परामर्श की जानकारी भी ऑनलाइन दर्ज होगी।

पारदर्शिता और सुविधा

डिजिटल सिस्टम के जरिए स्वास्थ्य सेवाएं न केवल पारदर्शी होंगी, बल्कि तेज भी होंगी। डॉक्टर और मरीज दोनों को इससे सुविधा होगी। मरीज का इलाज आसान होगा और अस्पताल प्रशासन के रिकॉर्ड प्रबंधन में पारदर्शिता आएगी।

प्रदेशभर में लागू किया जा रहा

    पोर्टल पहले से संचालित था, लेकिन इसकी प्रापर मानिटरिंग नहीं हो पा रही थी। कुछ कमियां थीं, इसलिए अब इसे नए स्वरूप में लागू किया जा रहा है। मरीजों की मेडिकल हिस्ट्री और राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजनाओं को एक ही प्लेटफार्म पर लाकर इसे 2025 से पूरे प्रदेशभर में लागू किया जा रहा है। – सलोनी सिडाना, मिशन संचालक, एनएचएम, मप्र

 

Related Articles

Back to top button