एमपी में साइबर अटैक का आंकड़ा alarming, युवा बन रहे सबसे बड़ा लक्ष्य

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भोपाल
 मध्य प्रदेश में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है। हर 10 मिनट में एक नया मामला सामने आ रहा है। इन अपराधों में 70% शिकार युवा हैं। 2022 से 2025 के बीच 3 हजार से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं। इनमें मोबाइल हैकिंग, फर्जी कॉल और ऑनलाइन पेमेंट फ्रॉड शामिल हैं। साइबर सेल लगातार निगरानी रख रहा है और जागरूकता अभियान चला रहा है। सरकार ने साइबर अपराध से बचाव के लिए हेल्पलाइन नंबर 1930 जारी किया है।

अलग अलग तरीकों से हो रही ठगी
राज्य में ऑनलाइन शॉपिंग, क्यूआर कोड और फर्जी लोन जैसे तरीकों से ठगी हो रही है। जागरूकता अभियान चलाने के बाद भी लोग ठगों के जाल में फंस रहे हैं। साइबर अपराधी नए-नए तरीके अपना रहे हैं। एसपी साइबर प्रणय नागवंशी ने कहा, 'हमारी अपील है कि लोग किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें और न ही अपनी बैंक डिटेल किसी को शेयर करें। साइबर सेल लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है और हम जागरूकता अभियान भी चला रहे हैं।

सरकार ने शुरु किया हेल्पलाइन नंबर
2022 में 1021 केस दर्ज हुए, जिनमें 717 युवा थे। 2023 में 927 मामले आये, जिनमें 700 युवा थे। 2024 में 1082 केस दर्ज हुए, जिनमें 703 युवा थे। 2025 में 511 केस दर्ज हुए, जिनमें 344 युवा शामिल हैं। सरकार ने हेल्पलाइन नंबर 1930 शुरू किया है। इसके अलावा, साइबर जोनल कार्यालय भी बन रहे हैं।

पासवर्ड रखते में रखें विशेष ध्यान
विशेषज्ञों का कहना है कि पासवर्ड कम से कम 12 अंकों का होना चाहिए और इसे समय-समय पर बदलते रहना चाहिए। साइबर ठगी अब गांवों तक पहुंच गई है। ठग सोशल मीडिया और गेमिंग एप्स के जरिए युवाओं को निशाना बना रहे हैं। सावधानी बरतने से ही बचाव हो सकता है। संदिग्ध कॉल आने पर उसे ब्लॉक करें और साइबर हेल्पलाइन पर शिकायत करें। तकनीक का इस्तेमाल सावधानी से करें। जरा सी चूक से आपकी कमाई ठगों के खाते में जा सकती है।

 

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