1.98 लाख लोगों ने कराया नाम हटाने का आवेदन, 30 सितंबर को जारी होगी वोटर्स लिस्ट

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नई दिल्ली
बिहार में चुनाव आयोग को विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के तहत मतदाता सूची से नाम हटाने के लिए 1.98 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं। आयोग ने शनिवार को बताया कि इस दौरान नाम शामिल करने के लिए लगभग 30,000 आवेदन भी आए हैं।
मतदाता सूची का मसौदा एक अगस्त को प्रकाशित किया गया था और यह एक सितंबर तक व्यक्तियों तथा राजनीतिक दलों की ओर से दावों और आपत्तियों के लिए खुला रहेगा। चुनाव कानूनों के अनुसार, लोगों और दलों को उन नामों को चुनौती देने का अधिकार है, जिन्हें वे मसौदा सूची में अपात्र मानते हैं।

कौन-कौन नाम शामिल करवा सकता है?
इसी प्रकार, जो लोग खुद को पात्र समझते हैं लेकिन सूची से बाहर रह गए हैं, वे भी नाम शामिल करने की मांग कर सकते हैं। बिहार में नवंबर में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है और अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित की जाएगी।

राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त बूथ स्तरीय एजेंटों(बीएलए) ने अब तक बिहार के मतदाताओं की मसौदा सूची में शामिल करने के लिए 25 और बाहर करने के लिए 103 दावे दायर किए हैं। निर्वाचन आयोग के अनुसार, राज्य के 7.24 करोड़ मतदाताओं में से 99.11 प्रतिशत ने अब तक सत्यापन के लिए अपने दस्तावेज जमा कर दिए हैं।

SC का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग से कहा है कि वह मतदाता सूची में नाम शामिल कराने के इच्छुक लोगों से आधार कार्ड या सूचीबद्ध 11 दस्तावेजों में से कोई भी दस्तावेज स्वीकार करे। निर्वाचन आयोग ने शीर्ष कोर्ट से कहा है कि वह चुनावी राज्य बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान पर भरोसा जताए।

 

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