कामचोरी पर CM का गुस्सा: कलेक्टरों से बोले- जिले का काम नहीं कर सकते तो बता दो

Spread the love

भोपाल
मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने बुधवार को भोपाल में खाद वितरण व्यवस्था की समीक्षा के दौरान कलेक्टरों को फटकार लगाई। कहा कि इस बार पिछले साल से अधिक खाद उपलब्ध हुआ है। फिर भी समस्या खड़ी हो रही है। वितरण व्यवस्था का प्रबंधन करने का दायित्व कलेक्टरों का है। यदि ऐसा नहीं हो पा रहा है तो इसका मतलब यह हुआ कि जिला चलाना नहीं आता है। यदि जिला नहीं चला पा रहा है तो बता दें, हम दूसरी व्यवस्था करेंगे। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि दमोह और जबलपुर में किए गए नवाचार को देखें, जब वे कर सकते हैं तो फिर बाकी जिले क्यों नहीं। सरकार हर स्थिति में किसानों के साथ है और उन्हें कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।
 
कई जिलों में परेशान हो रहे किसान
रीवा, पन्ना, अशोक नगर सहित कई जिलों में किसान खाद के लिए परेशान हो रहे हैं। अपनी मांगों को लेकर उन्हें सड़कों पर उतरना पड़ रहा है। ऐसे ही प्रदर्शन के दौरान रीवा में पुलिस ने बल प्रयोग भी किया था। इन स्थितियों को देखते हुए मुख्यमंत्री ने बुधवार को समीक्षा की, जिसमें सभी कलेक्टर वर्चुअली जुड़े। इस दौरान उन्होंने अव्यवस्था की सूचनाओं पर नाराजगी जताई।

कलेक्टरों को निर्देश-खाद की उपलब्धता की समीक्षा करें
उन्होंने कलेक्टरों को निर्देश दिया कि जानकारी जनप्रतिनिधियों से भी साझा करें, ताकि किसानों को वास्तविक स्थिति पता रहे। खाद वितरण केंद्रों का आकस्मिक सत्यापन और निगरानी करें। अतिरिक्त विक्रय केंद्र की आवश्यकता है, तो तत्काल आरंभ करें।

53 एफआईआर और 88 लाईसेंस निरस्त
बैठक में बताया गया कि उर्वरक की कालाबाजारी, अवैध भंडारण, अवैध परिवहन और नकली उर्वरक आदि से संबंधित प्रकरणों पर कार्रवाई करते हुए 53 एफआईआर दर्ज की गईं। 88 लाइसेंस निरस्त और 102 निलंबित किए गए। 406 विक्रय प्रतिबंधित किए गए।

43 हजार टन अधिक यूरिया दिया
बैठक में विभागीय अधिकारियों ने बताया कि खाद की कमी नहीं है। मक्का का क्षेत्र बढ़ने के बावजूद दो सितंबर तक 15 लाख 46 हजार टन यूरिया विक्रय किया जा चुका है। यह पिछले साल 15.3 लाख टन था। इस प्रकार देखें तो 43 हजार टन अधिक यूरिया किसानों को उपलब्ध कराया जा चुका है। यही स्थिति डीएपी, एनपीके, एसएसपी और एमओपी को लेकर है। पिछले साल अब तक 29.14 लाख टन खाद बेचा गया था, जो इस बार 30.20 लाख टन हो चुका है।

1.82 लाख टन यूरिया, 1.74 लाख टन डीएपी, 2.19 लाख टन एनपीके और 3.84 लाख टन एसएसपी भंडारित है। दमोह और जबलपुर की व्यवस्था बनी माडल-बैठक में दमोह कलेक्टर सुधीर कोचर ने बताया कि खाद वितरण व्यवस्था में हमने किसान संगठनों को सहभागी बनाया है। टोकन तहसील कार्यालय से बांटे जा रहे हैं और वितरण विक्रय केंद्रों से किया जा रहा है।

जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बताया कि किसानों को टोकन फोन काल पर दिए जा रहे हैं। खाद वितरण केंद्रों पर डिस्पले बोर्ड लगाए हैं और नंबर प्रदर्शित होने पर खाद दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने जिले की परिस्थितियों को देखते हुए इस माडल पर विचार करने के निर्देश दिए।

Related Articles

Back to top button